कर्नाटक: बीएस येदियुरप्पा बोले- चुनावी राजनीति छोड़ना मेरा फैसला था, दोबारा नहीं लौटूंगा
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि वे राजनीति छोड़ने के अपने फैसले से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि यह कदम पूरी तरह से उनका अपना फैसला था और इसके लिए किसी ने उन्हें मजबूर नहीं किया था। बता दें कि येदियुरप्पा ने पिछले साल जुलाई में ऐलान किया था कि वे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे और अपनी शिकारीपुरा वाली सीट को खाली कर देंगे।
मैं भाजपा को फिर से सत्ता में लाऊंगा- येदियुरप्पा
NDTV को दिए एक इंटरव्यू में येदियुरप्पा ने कहा, "मैं राजनीति से संन्यास नहीं ले रहा हूं। मैं थका नहीं हूं। मैं प्रचार करूंगा और भाजपा को सत्ता में लाऊंगा। मैं विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत के लिए राज्य का दौरा करूंगा।" उन्होंने आगे कहा, "कर्नाटक में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलेगा। चुनावी राजनीति छोड़ना मेरा फैसला था। किसी ने मुझे मजबूर नहीं किया। मैं लोगों को समझाऊंगा कि मैंने यह फैसला क्यों लिया।"
येदियुरप्पा बोले- मुख्यमंत्री पद से हटाया नहीं गया, इस्तीफा दिया
येदियुरप्पा ने कहा, "मैंने बसवराज बोम्मई के लिए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। मेरा सक्रिय राजनीति में न रहना भाजपा के लिए एक चुनौती है और पार्टी को इन चुनौतियों का सामना करना चाहिए। मैं चुनाव नहीं लड़ने के अपने फैसले से पीछे नहीं हटूंगा।" दरअसल, जुलाई, 2021 में येदियुरप्पा ने पार्टी आलाकमान के कहने पर मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था और उनकी जगह पर बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया गया था।
कौन हैं बीएस येदियुरप्पा?
येदियुरप्पा कर्नाटक में लिंगायत समुदाय के सबसे ताकतवर नेता माने जाते हैं। वे 15 वर्ष की उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ जुड़ गए थे। उन्होंने शिवमोगा जिले की शिकारीपुरा सीट से राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। इस सीट से वे पहली बार 1983 में विधानसभा के लिए चुने गए। इसके बाद वे लगातार 6 बार यहां से जीते। वे 4 बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने, लेकिन एक बार भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।
कर्नाटक में इस साल होने है विधानसभा चुनाव
कर्नाटक की 224 सीटों वाली विधानसभा के लिए इसी साल अप्रैल-मई में चुनाव होना है। 2018 में हुए चुनावों में भाजपा को 104, कांग्रेस को 80 और जनता दल (सेकुलर) को 37 सीटों पर जीत मिली थी। येदियुरप्पा के नेतृत्व में भाजपा ने सरकार बनाई, लेकिन बहुमत साबित करने से कुछ देर पहले ही येदियुरप्पा ने इस्तीफा दे दिया। उसके बाद राज्य में कांग्रेस और JDS की सरकार रही, जो 14 महीने बाद गिर गई। अभी भाजपा की सरकार है।