वित्त मंत्री ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण, विकास दर 8-8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान
बजट सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश कर दिया है। इसमें 2022-23 में 8-8.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है। यह दर राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के अनुमान से कम है। NSO ने अनुमान लगाया था कि आर्थिक वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रह सकती है। सर्वेक्षण में अलग-अलग क्षेत्रों की स्थिति के साथ ही वृद्धि दर में तेजी लाने के लिए जरूरी सुधारों का ब्योरा दिया गया है।
राज्यसभा में पेश होने के बाद होगा सार्वजनिक
दोपहर बाद 3:30 मिनट पर यह सर्वेक्षण राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इसके बाद यह सार्वजनिक किया जाएगा। बताया जा रहा है कि यह सर्वेक्षण अर्थव्यवस्था की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए आपूर्ति-पक्ष के मुद्दों पर केंद्रित है।
क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण?
आर्थिक सर्वेक्षण सरकार का एक वार्षिक दस्तावेज होता है, जिसमें पिछले एक साल में हुए आर्थिक विकास की समीक्षा की जाती है। इसमें सरकार की योजनाओं और अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के रोडमैप को रेखांकित किया जाता है। मुख्य तौर पर आर्थिक सर्वेक्षण आने वाले बजट का नीतिगत दृष्टिकोण क्या हो सकता है, ये स्पष्ट करता है। इसे बजट से एक दिन पहले वित्त मंत्री द्वारा संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाता है।
क्यों महत्वपूर्ण होता है आर्थिक सर्वे?
आर्थिक सर्वे को एक बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जाता है क्योंकि ये देश की आर्थिक स्थिति और उस पर सरकार के नजरिए का आधिकारिक और विस्तृत खाका पेश करता है।इससे भविष्य में सरकार की आर्थिक नीतियों का अनुमान लगाया जा सकता है। सर्वे ये भी बताता है कि अर्थव्यवस्था में छोटी और मध्यम अवधि की किस तरह की संभावनाएं मौजूद हैं। इसका प्रयोग अर्थव्यवस्था की मुख्य चिंताओं की तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए भी किया जाता है।
क्या सरकार के लिए बाध्यकारी है आर्थिक सर्वे?
आर्थिक सर्वे को संसद में पेश करने के लिए सरकार संवैधानिक रूप से बाध्य नहीं है। हालांकि सर्वे के महत्व को देखते हुए केंद्र सरकार बाध्य न होने के बावजूद इसे हर साल संसद में पेश करती है। इसके अलावा सरकार के लिए सर्वे में बताई गईं सिफारिशों पर अमल करना भी जरूरी नहीं है। सरकार चाहे तो ये सर्वे में बताए गए सभी सुझावों को खारिज कर सकती है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ बजट सत्र
सोमवार सुबह राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो चुकी है। अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति कोविंद ने महामारी से बचाव के लिए उठाए गए कदमों से लेकर सरकारी योजनाओं तक की जानकारी सदन को दी। आज से शुरू हुआ बजट सत्र का पहला भाग 11 फरवरी तक चलेगा। दूसरा भाग 14 मार्च से शुरू होकर 8 अप्रैल तक चलेगा। मंगलवार यानी 1 फरवरी को वित्त मंत्री बजट पेश करेंगी।