मध्य प्रदेश: विवादित बयानों को लेकर कमलनाथ पर गिरी गाज, छिना 'स्टार प्रचारक' का दर्जा
मध्य प्रदेश में आगामी 3 नवंबर को 28 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनावों के प्रचार में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से दिए जा रहे बेबाक और विवादित बयान अब उनके लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। चुनाव आयोग ने विवादित बयानों को लेकर कार्रवाई करते हुए उन्हें स्टार प्रचारकों की सूची से हटा दिया है। हालांकि, वह अभी भी चुनाव में प्रचार कर सकेंगे, लेकिन इसका खर्च संबंधित प्रत्याशी के चुनाव खर्च में जोड़ा जाएगा।
कमलनाथ ने भाजपा प्रत्याशी को कहा था 'आइटम'
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को डबरा में एक चुनावी सभा के दौरान शिवराज कैबिनेट की मंत्री इमरती देवी का नाम लिए बिना उन्हें 'आइटम' कह दिया था। उनके इस भाषण का विडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। इस बयान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि नेताओं ने मौन धरना दिया था। कमलनाथ ने सफाई देते हुए कहा था कि उन्हें महिला नेता का नाम याद नहीं था।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बताया था 'नौटंकी कलाकार'
कमलनाथ ने गत 13 अक्टूबर को गुना के बामोरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैयालाल अग्रवाल के समर्थन में आयोजित चु्नावी सभा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लेकर विवादित बयान देते हुए उन्हें नौटंकी कलाकार कह दिया था। उन्होंने कहा था कि शिवराज सिंह राज्य में मामा के नाम पर नौटंकी कर रहे हैं। शिवराज नौटंकी बंद कर मुंबई चले जाएं तो उनकी कलाकारी देखकर शाहरुख और सलमान भी शर्मा जाएंगे।
चुनाव आयोग ने कमलनाथ को नोटिस भेजकर मांगा था जवाब
चुनाव आयोग ने गत 21 अक्टूबर को कमलनाथ को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। आयोग ने नोटिस में लिखा था कि मध्य प्रदेश में होने वाले उप चुनावों को लेकर वहां आदर्श आचार संहिता लागू है। इसके तहत कोई भी पार्टी या नेता ऐसी किसी भी गतिविधि में लिप्त नहीं होगा, जो मतभेद और आपसी घृणा बढ़ाने वाली हो। इसके बाद कमलनाथ इस तरह का बयान देकर आचार संहिता का उल्लंघन किया है। ऐसे में उन्हें स्पष्टीकरण देना होगा।
कमलनाथ ने आयोग को यह भेजा था जवाब
चुनाव आयोग को भेजे गए जवाब में कमलनाथ ने कहा कि अगर चुनाव आयोग मेरे पूरे भाषण को फिर से देखता है तो उसे समझ आ जाएगा कि कोई दुर्भावना नहीं थी। उन्होंने आगे कहा कि उनका मकसद किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था।
कमलनाथ के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ चुनाव आयोग
कमलनाथ की ओर से भेजे गए जवाब से चुनाव आयोग संतुष्ट नहीं हुआ और उन्हें आचार संहित के उल्लंघन का दोषी मान लिया। आयोग ने कहा बार-बार दी गई चेतावनी के बावजूद विवादित बयान देने से नहीं बचने के कारण कमलनाथ पर आदर्श आचार संहिता के अनुच्छेद एक और दो के तहत कार्रवाई की गई है। इसके तहत विधानसभा उपचुनाव में उन्हें स्टार प्रचारकों की सूची से हटाया जा रहा है। हालांकि, वह प्रत्याशी के खर्च पर प्रचार कर सकेंगे।
कांग्रेस ने कार्रवाई को बताया एकतरफा
कमलनाथ पर चुनाव आयोग की कार्रवाई के बाद कांग्रेस ने आदेश के खिलाफ कोर्ट जाने का ऐलान किया है। कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि आयोग की कार्रवाई पूरी तरह से एकतरफा है। अब इस आदेश के खिलाफ कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में अपील करने जा रही है। गुप्ता ने कहा कि भाजपा नेताओं के खिलाफ भी कांग्रेस ने शिकायत की, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब कांग्रेस मामले में कोर्ट का रुख करेगी।
विजयवर्गीय को दी सावधानी बरतने की नसीहत
चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के खिलाफ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय द्वारा की गई "चुन्नू-मुन्नू" टिप्पणी को भी आचार संहित का उल्लंघन मानते हुए उन्हें चुनाव के दौरान सार्वजनिक सभाओं में विवादित बयानों से बचने की सलाह दी है।
राहुल गांधी ने बयान को बताया था दुर्भाग्यपूर्ण
मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कमलनाथ के बयान पर आपत्ती जताई थी। उन्होंने बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। इसी तरह राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा था कि कमलनाथ माफी मांगने की बजाय बेतुकी सफाई दे रहे हैं। यह उनके लिए शर्मनाक है। ऐसे बयानों से व्यक्ति के चरित्र का पता चलता है। इसी तरह मुख्यमंत्री चौहान ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कमलनाथ को सभी पदों से हटाने की मांग की थी।