मध्य प्रदेश: राज्य में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने का नहीं है कोई प्रस्ताव- गृह मंत्री
कर्नाटक में स्कूल और कॉलेज में हिजाब पहनने को लेकर विवाद गहराया हुआ है। यह मामला हाई कोर्ट में चल रहा है और अब इस पर राजनीति भी होने लगी है। इसी बीच मध्य प्रदेश सरकार ने बुधवार को हिजाब पर प्रतिबंध को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हिजाब पहनने को लेकर कोई विवाद नहीं है और न ही इस पर प्रतिबंध का सरकार के पास कोई प्रस्ताव है।
मध्य प्रदेश में हिजाब पहनने पर नहीं है कोई विवाद- मिश्रा
गृह मंत्री मिश्रा ने भोपाल में कहा, "हिजाब को लेकर केवल भ्रम फैलाया जा रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि राज्य में इसे पहनने को लेकर कोई विवाद नहीं है और न ही सरकार के पास इस पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है।" उन्होंने कहा, "हिजाब का मुद्दा कर्नाटक का है और वहां का हाई कोर्ट इस पर सुनवाई कर रहा है। ऐसे में वह इस मामले में किसी भी प्रकार की चर्चा नहीं करना चाहते हैं।"
गृह मंत्री ने कांग्रेस पर साधा निशाना
गृह मंत्री मिश्रा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, "कर्नाटक में हिजाब मामले में हाई कोर्ट का फैसले आने से पहले ही कांग्रेस एक बार फिर इस मामले को अहमियत देकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रही है।" उन्होंने आगे कहा, "मध्य प्रदेश में कानून का राज है और यहां किसी को भी शांति भंग करने की इजाजत नहीं है। राज्य में जो भी सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास करेगा उसे इसकी सजा भुगतनी होगी।"
मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने दी बयान पर सफाई
गृह मंत्री का यह बयान राज्य के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के उस बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने हिजाब विरोधी प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते हुए इसे प्रतिबंधित करने की बात कही थी। हालांकि, परमार ने बुधवार को अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा, "कुछ लोगों ने मेरे बयान की गलत व्याख्या की है। हम नया यूनिफॉर्म कोड लागू नहीं करने जा रहे हैं। स्कूलों में यूनिफॉर्म को लेकर मौजूदा व्यवस्था जारी रहेगी।"
क्या है हिजाब से संबंधित पूरा विवाद?
कर्नाटक में हिजाब विवाद की शुरूआत 28 दिसंबर को उडुपी के पीयू कालेज में छह छात्राओं को हिजाब पहनने पर कक्षाओं में प्रवेश न देने इसे हुई थी। इसके बाद छात्राओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिया और हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। कई छात्र विरोध में उतर आए और यह उडुपी से दूसरे जिलों में भी फैल गया। स्थिति को संभालने के लिए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने तीन दिन तक स्कूल-कॉलेज बंद रखने का आदेश दिया था।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने बड़ी बेंच को रेफर किया मामला
कर्नाटक हाई कोर्ट ने बुधवार को इस मामले को सुनवाई के लिए बड़ी बेंच को रेफर कर दिया है। इससे पहले मंगलवार को कोर्ट ने सभी पक्षों को शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि वह भावनाओं के आधार पर नहीं, बल्कि कानून के अनुसार फैसला लेगी। इधर, राज्य में बिगड़ती स्थिति को देखते हुए बेंगलुरू पुलिस ने स्कूल और कॉलेजों के आसपास अगले दो सप्ताह तक सभा या प्रदर्शन करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।