मध्य प्रदेश उपचुनाव: भाजपा और कांग्रेस में सरकार बचाने और बनाने की लड़ाई, मतगणना शुरू
क्या है खबर?
बिहार विधानसभा चुनावों के साथ-साथ मंगलवार को मध्य प्रदेश उपचुनावों के नतीजे भी घोषित होंगे।
राज्य के 19 जिलों की 28 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान की मतगणना शुरू हो गई है।
शिवराज सिंह चौहान सरकार के लिए ये नतीजे बहुत महत्वपूर्ण होंगे। साथ ही ये कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया की राजनीति के प्रभाव को भी दिखाएंगे।
भाजपा के हाथों राज्य की सत्ता गंवाने वाले कमलनाथ भी इन नतीजों पर निगाहें जमाए हुए हैं।
पृष्ठभूमि
विधायकों के पाला बदलने से गिरी थी कांग्रेस सरकार
मार्च में कांग्रेस के 22 विधायक इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे। विधायकों की इस बगावत के पीछे ज्योतिरादित्य सिंधिया का हाथ था।
उन्होंने राज्यसभा सीट के लिए उम्मीदवार न बनाए जाने के विरोध में पार्टी से बगावत की थी।
विधायकों के पाला बदलने से कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई, जिसके चलते मुख्यमंत्री कमलनाथ को पद छोड़ना पड़ा। 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
सियासी समीकरण
किसके पास कितने विधायक?
मध्य प्रदेश विधानसभा में बहुमत के लिए 115 का आंकड़ा चाहिए।
भाजपा के पास फिलहाल 107 विधायकों का समर्थन है और उसे बहुमत तक पहुंचने के लिए 28 में से आठ सीटों पर जीत की जरूरत है।
दूसरी तरफ 87 विधायकों के समर्थन वाली कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए सभी सीटों पर जीत हासिल करने की जरूरत है।
मध्य प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार है, जब इतनी ज्यादा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं।
जानकारी
12 मंत्री भी चुनावी मैदान में
इन चुनावों में मध्य प्रदेश के 12 मंत्रियों समेत कुल 355 उम्मीदवार मैदान में हैं। भाजपा ने उन सभी विधायकों को उम्मीदवार बनाया है, जिन्होंने कांग्रेस छोड़कर कमल का दामन थामा था।
बड़े नेता
इन दिग्गजों की सियासी किस्मत का होगा फैसला
आज घोषित होने वाले मध्य प्रदेश उपचुनावों के नतीजों में कई दिग्गजों पर नजर टिकी हुई है।
इनमें सुरेश धाकड़, बृजेंद्र सिंह यादव, गोविंद सिंह राजपूत, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, ऐंदल सिंह कंसाना, प्रभु राम चौधरी, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी और महेंद्र सिंह सिसोदिया, बिसाहूलाल सिंह, गिर्राज दंडोतिया और ओपीएस भदौरिया आदि शामिल हैं।
कमलनाथ के विवादित बयान के बाद चर्चा में आईं इमरती देवी की सीट को सिंधिया के नाक का सवाल माना जा रहा है।