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#NewsByteExplainer: शरद पवार ने छोड़ा NCP अध्यक्ष पद, जानिए अब तक कैसा रहा उनका राजनीतिक सफर
जानिए अब तक कैसा रहा शरद पवार का राजनीतिक सफर

#NewsByteExplainer: शरद पवार ने छोड़ा NCP अध्यक्ष पद, जानिए अब तक कैसा रहा उनका राजनीतिक सफर

लेखन नवीन
May 02, 2023
06:45 pm

क्या है खबर?

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने आज पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने के साथ ही चुनाव न लड़ने का भी ऐलान किया है। 82 साल के राजनेता पवार पिछले 60 सालों से अधिक समय तक राजनीति में सक्रिय रहे हैं। पवार तीन बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा वह केंद्र सरकार में कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। आइए पवार के अब तक के राजनीतिक सफर पर एक नजर डालते हैं।

छात्र राजनीति

1958 में युवा कांग्रेस से जुड़े थे शरद पवार 

शरद पवार का जन्म 12 दिसंबर, 1940 को पुणे के बारामती गांव में हुआ था। उन्होंने 16 साल की उम्र में 1956 में महाराष्ट्र के प्रवरनगर में गोवा की स्वतंत्रता के लिए एक विरोध मार्च निकाला था। पवार ने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी। वह 1958 में युवा कांग्रेस में शामिल हुए और 1962 में पुणे जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस में अपनी पैठ बनानी शुरू कर दी।

चुनाव

1967 में जीता था पहला विधानसभा चुनाव

इसके बाद 1967 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 27 साल की उम्र में पवार ने बारामती सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में पहला चुनाव लड़ा और इसमें जीत हासिल की। वह एक दशक तक बारामती निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतते रहे। पवार एक विधायक के तौर पर ग्रामीण राजनीति में ज्यादा सक्रिय थे। वह महाराष्ट्र में किसानों से संबंधित मुद्दों पर बड़ी प्रमुखता से उठाते रहे और सहकारी समितियों में अपनी पकड़ मजबूत की।

मुख्यमंत्री

38 साल की उम्र में बने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री

पवार साल 1975 में आपातकाल के दौरान कांग्रेस से अलग हो गए थे। इसके बाद पवार ने 1978 के बाद जनता पार्टी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार बनाई थी। इस गठबंधन की सरकार में 38 साल की उम्र में पवार पहली बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। उनके नाम राज्य का सबसे युवा मुख्यमंत्री होने का रिकॉर्ड दर्ज है। हालांकि, 1980 में सत्ता वापसी के बाद इंदिरा गांधी सरकार ने महाराष्ट्र सरकार को बर्खास्त कर दिया था।

मुख्यमंत्री

1988 में दूसरी बार संभाला महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद

पवार ने 1983 में महाराष्ट्र की राजनीति में पकड़ बनाए रखने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (सोशलिस्ट) का गठन किया और वह पार्टी अध्यक्ष बने। उन्होंने 1984 में पहली बार बारामती संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता था। उनकी 1987 में कांग्रेस में वापसी हो गई। पवार साल 1988-1991 तक दूसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने, जबकि 1991 में वो 10वीं लोकसभा के लिए चुने गए और उन्होंने कुछ समय तक रक्षा मंत्री के रूप में भी काम किया।

1993

1999 में कांग्रेस से अलग होकर किया NCP का गठन

साल 1993 से 1995 के बीच तीसरी बार पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद संभाला। इसके बाद 1998 के मध्यावधि लोकसभा चुनाव के बाद पवार विपक्ष के नेता चुने गए। इसी बीच 1999 में जब 12वीं लोकसभा भंग हुई तो पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर ने सोनिया गांधी के नेतृत्व पर सवाल खड़े कर दिए। सोनिया का विरोध करने के चलते पार्टी से उन्हें निष्कासित कर दिया गया और पवार ने NCP का गठन किया था।

BCCI

BCCI और ICC अध्यक्ष भी रह चुके हैं पवार

पवार 2004 से साल 2014 तक लगातार केंद्र में मंत्री रहे। इसी बीच पवार 2005 से 2008 तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष रहे। वह 2010 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के अध्यक्ष बने। बीते 60 सालों से NCP प्रमुख पवार लगातार महाराष्ट्र की राजनीति में सक्रिय बने रहे। 2019 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उन्होंने NCP, कांग्रेस और शिवसेना को साथ लाकर महाअघाड़ी गठबंधन (MVA) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

बयान

पवार ने अपने इस्तीफे पर पार्टी कार्यकर्ताओं से क्या कहा?

पवार ने अपने इस्तीफे पर कहा, "मेरे साथियों, भले ही मैं अध्यक्ष पद से हट रहा हूं, लेकिन मैं सार्वजनिक जीवन से रिटायर नहीं हो रहा हूं। 'निरंतर यात्रा' मेरे जीवन का अभिन्न अंग है। मैं सार्वजनिक कार्यक्रमों, बैठकों में भाग लेता रहूंगा। चाहे मैं पुणे, मुंबई, बारामती, दिल्ली या भारत के किसी भी हिस्से में रहूं, मैं हमेशा की तरह आप सभी के लिए उपलब्ध रहूंगा। मैं लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए चौबीसों घंटे काम करता रहूंगा।"