शरद पवार के घर आज "तीसरे मोर्च की बैठक" नहीं, अटकलों के बाद आया स्पष्टीकरण
क्या है खबर?
आज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार के घर होने जा रही बैठक का तीसरे मोर्चे से कोई संबंध नहीं है। तीसरे मोर्चे की अटकलों के बीच मामले से संबंधित नेताओं ने यह स्पष्टीकरण जारी किया है।
इसके अलावा पूर्व चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा है कि उन्हें नहीं लगता कि कोई तीसरा या चौथा मोर्चा मौजूदा सरकार को चुनौती दे सकता है।
पृष्ठभूमि
क्या है पूरा मामला?
भाजपा छोड़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कल विभिन्न पार्टियों के नेताओं को पत्र लिखते हुए उन्हें अपने 'राष्ट्र मंच' की बैठक में आमंत्रित किया था।
उन्होंने कहा था कि शरद पवार इस बैठक की मेजबानी करेंगे और यह मंगलवार शाम 4 बजे दिल्ली स्थित उनके घर पर होगी।
कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी, सपा और AAP समेत कई पार्टियों के नेताओं को इस बैठक में बुलाया गया है।
जानकारी
प्रशांत किशोर और शरद पवार की बैठक के बाद भेजा गया था आमंत्रण
यशवंत सिन्हा ने ये आमंत्रण ऐसे समय पर भेजा था जब कल ही प्रशांत किशोर दो हफ्ते में दूसरी बार शरद पवार से मिले थे। उनकी बैठक के ठीक बाद सिन्हा ने ये आमंत्रण भेजा और इससे तीसरा मोर्चे की अटकलें तेज हो गई थीं।
बयान
बैठक से संबंधित नेताओं ने खारिज की तीसरे मोर्चे की अटकलें
हालांकि बैठक से संबंधित नेताओं ने तीसरे मोर्चे की अटकलों को खारिज किया है और कहा है कि इस बैठक में मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा होगी। इसमें विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों को भी बुलाया गया है और इससे इसका राजनीतिक महत्व कम होता है।
NCP नेता नवाब मलिक के अनुसार, इनमें वरिष्ठ वकील केटीए तुलसी और कोलिन गॉन्जालविस, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी, पूर्व राजदूत केसी सिंह, जावेद अख्तर और करण थापर और आशुतोष जैसे पत्रकार शामिल हैं।
बयान
प्रशांत किशोर ने भी खुद को किया तीसरे मोर्चे से दूर
प्रशांत किशोर ने भी विपक्ष के किसी मोर्चे से कोई संबंध होने से इनकार किया है।
NDTV के साथ इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि कोई तीसरा या चौथा मोर्चा मौजूदा सरकार के लिए चुनौती के तौर पर उभर सकता है।"
उन्होंने कहा कि तीसरे मोर्चे का मॉडल प्राचीन हो चुका है और मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य के हिसाब से ठीक नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि पवार के साथ उनकी बैठकें एक-दूसरे को जानने के लिए थीं।
बयान
पवार के साथ हुई विशुद्ध राजनीतिक चर्चा- किशोर
किशोर ने यह भी स्वीकारा कि इन दोनों बैठकों में उनके और पवार के बीच शुद्ध राजनीतिक चर्चाएं हुईं और उन्होंने किस राज्य में भाजपा के खिलाफ कौन सी रणनीति काम करेगी और कौन सी नहीं करेगी, इसकी संभावनाओं को तलाशा।
उन्होंने कहा कि अभी के लिए तीसरे मोर्चे जैसे किसी मॉडल पर कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि पवार के पास विशाल राजनीतिक अनुभव है और वे उन्हें रणनीतिक ब्लूप्रिंट प्रदान कर सकते हैं।