महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे से जुड़े दिलचस्प तथ्य
महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से चल रहे राजनीतिक संकट का आखिरकार खात्मा हो गया है। शिवसेना से बगावत कर महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन सरकार को सत्ता से बेदखल करने वाले एकनाथ शिंदे को अपनी बगावत का बड़ा फल भी मिला है। भाजपा आलाकमान ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय किया और उसके बाद शाम 07:30 बजे उन्होंने पद की शपथ ले ली। आइये जानते हैं एकनाथ शिंदे से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य।
शिवसेना से जुड़ने से पहले ऑटो चलाते थे शिंदे
शिंदे का जन्म 9 फरवरी, 1964 को सतारा जिले के पहाड़ी जवाली तालुका में हुआ था। वह बचपन से ही मेहतनी रहे हैं। वह शुरुआती पढ़ाई के लिए ठाणे आए और मंगला हाई स्कूल तथा जूनियर कॉलेज में 11वीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद उनका पढ़ाई में मन नहीं लगा और वह वागले एस्टेट इलाके में रहकर ऑटो रिक्शा चलाने लग गए। उस दौरान उनकी मुलाकात शिवसेना नेता आनंद दिघे से हुई और वहीं से उनकी जिंदगी बदल गई।
धैर्य के कारण कारण सफलता की सीढ़ी चढ़ते गए शिंदे
शिंदे शुरू से ही धैर्यवान रहे और उन्होंने किसी भी चीज को हासिल करने में जल्दबाजी नहीं दिखाई। यही कारण रहा कि आनंद दीघे ने महज 18 साल की उम्र में उन्हें शिवसेना में शामिल कराया, लेकिन उन्होंने कभी भी पद की इच्छा नहीं जताई। वह करीब डेढ़ दशक तक शिवसेना कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहे। इसके बाद 1997 में दिघे ने उन्हें ठाणे नगर निगम चुनाव में पार्षद का टिकट दिया और उन्हें जीत भी मिल गई।
हादसे में दो बच्चों की मौत से टूट गए थे शिंदे
पार्षद बनने के बाद शिंदे की जिंदगी बदलाव की ओर चल पड़ी थी, लेकिन उसी दौरान सतारा में बोटिंग के दौरान हादसे में उनके बेटे दीपेश (11) और बेटी शुभदा (7) की मौत हो गई। उस वक्त शिंदे के दूसरे बेटे श्रीकांत सिर्फ 13 साल के थे। उस हादसे ने शिंदे को पूरी तरह तोड़ दिया और वह राजनीति से दूर हो गए थे। उस दौर में भी आनंद दिघे ने उन्हें संबल दिया और सार्वजनिक जीवन में वापस लाए।
आनंद दिघे के निधन के बाद बढ़ा शिंदे का कद
साल 2001 में राजनीतिक गुरु आनंद दिघे का निधन होने के बाद ठाणे की राजनीति में शिंदे का कद बढ़ने लग गया। उनके पार्टी के प्रति समर्पण के कारण 2005 में नारायण राणे के पार्टी छोड़ने के बाद शिवसेना में उनकी पैठ मजबूत हो गई।
शिंदे के खिलाफ दर्ज हैं 18 आपराधिक मामले
2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग में दाखिल किए गए हलफनामे के अनुसार, शिंदे के खिलाफ 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें आग या विस्फोटक पदार्थ से नुकसान पहुंचाने, गैरकानूनी तरीके से एकत्र हुई भीड़ का हिस्सा होने, सरकारी कर्मचारी के आदेशों की अवहेलना करने जैसे आरोप हैं। हालांकि, ये सभी मामले अभी भी कोर्ट में विचाराधीन है और किसी भी मामले में उन्हें अब तक दोषी करार नहीं दिया गया है।
करोड़पति हैं शिंदे
चुनावी हलफनामे के अनुसार, शिंदे के बपास 11.56 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। इसमें 2.10 करोड़ से अधिक की चल और 9.45 करोड़ से ज्यादा की अचल संपत्ति है। उनके पास कुल छह कार और एक टेम्पो भी है।
क्या है शिंदे की पारिवारिक पृष्ठभूमि?
बता दें कि शिंदे के बड़े बेटे श्रीकांत ऑर्थोपेडिक सर्जन (हड्डी रोग विशेषज्ञ) होने के साथ कल्याण लोकसभा सीट से शिवसेना सांसद भी हैं। इसके अलावा शिंदे की पत्नी कंस्ट्रक्शन कंपनी का संचालन करती है। चुनावी हलफनामे में शिंदे ने विधायक के तौर पर मिलने वाला वेतन, घरों से आने वाले किराये और ब्याज से होने वाली कमाई को अपनी आय का स्त्रोत बताया है। इसके अलावा उनके पास ठेकेदारी का भी लाइसेंस है।