पंजाब: नवजोत सिंह सिद्धू का गांधी परिवार पर निशाना, बोले- कमजोर मुख्यमंत्री चाहता है शीर्ष नेतृत्व
क्या है खबर?
पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधा है। गुरूवार को अपने समर्थकों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि शीर्ष पर बैठे लोग एक कमजोर मुख्यमंत्री चाहते हैं जो उनके कहे पर नाच सके।
उन्होंने ये बयान ऐसे समय पर दिया है जब कांग्रेस पंजाब में अपना मुख्यमंत्री पद का चेहरा तय करने के लिए जनता की राय ले रही है।
बयान
सिद्धू ने क्या कहा?
एक सभा में अपने समर्थकों को पंजाबी में संबोधित करते हुए सिद्धू ने कहा, "अगर एक नया पंजाब बनाना है तो ये मुख्यमंत्री के हाथों में है। इस बार आपको मुख्यमंत्री चुनना होगा। शीर्ष पर बैठे लोग एक कमजोर मुख्यमंत्री चाहते हैं जो उनकी धुनों पर नाच सके। क्या आप ऐसा मुख्यमंत्री चाहते हैं?"
सिद्धू के इस बयान पर उनके समर्थकों ने तालियां बजाईं और उनके समर्थक में नारेबाजी भी की।
खींचतान
चन्नी और सिद्धू के बीच मुख्यमंत्री के पद को लेकर खींचतान
बता दें कि पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बीच मुख्यमंत्री के पद को लेकर खींचतान चल रही है।
दोनों ही नेता अलग-अलग मौकों पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर खुद को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बता चुके हैं।
पिछले हफ्ते दोनों नेताओं ने पार्टी को साफ कर दिया था कि उसे चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करना चाहिए, जिसके बाद राहुल गांधी ने जल्द इसका ऐलान करने की बात कही थी।
लोगों से राय
मुख्यमंत्री के चेहरे पर लोगों से राय ले रही है कांग्रेस
राहुल गांधी के ऐलान के बाद कांग्रेस पंजाब में लोगों की राय ले रही है।
इसके लिए पूरे राज्य में लोगों से फोन कर पूछा जा रहा है कि आप मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में चन्नी को देखना चाहते हैं या सिद्धू को या फिर पंजाब में कांग्रेस बिना मुख्यमंत्री चेहरे के ही चुनाव लड़े।
रिपोर्ट्स के अनुसार, 6 फरवरी को राहुल मुख्यमंत्री के चेहरे का ऐलान कर सकते हैं।
रिपोर्ट्स
चन्नी को आगे बढ़ा सकती है कांग्रेस
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कांग्रेस चन्नी को आगे करने के पक्ष में है और इसी कारण उन्हें दो सीटों से चुनाव लड़वाया जा रहा है।
चन्नी के सहारे कांग्रेस पंजाब के दलित वोटबैंक को साधने का प्रयास कर रही है। कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने के बाद कांग्रेस ने चन्नी को पंजाब के पहला दलित मुख्यमंत्री बनाया था।
राज्य में दलित मतदाताओं की संख्या लगभग एक तिहाई है और कांग्रेस का निशाना यही वोटबैंक है।
विधानसभा चुनाव
पंजाब में कब है चुनाव?
117 विधानसभा सीटों वाले पंजाब में 20 फरवरी को एक चरण में चुनाव होगा और 10 मार्च को नतीजे घोषित किए जाएंगे।
पंजाब में कांग्रेस जहां अपना किला बचाने की कोशिश में है, वहीं आम आदमी पार्टी और अकाली दल पिछली हार को भूलकर सत्ता में आने के प्रयास कर रही हैं।
कांग्रेस से अलग होने के बाद अमरिंदर सिंह ने अपनी अलग पार्टी बनाई है और वो भाजपा के साथ मिलकर सत्ता की दावेदारी पेश कर रहे हैं।