अपनी अलग पार्टी बनाने पर क्या बोले G-23 में शामिल कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर में अपनी अलग पार्टी बनाने की अटकलों को खारिज किया है। NDTV से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी नई पार्टी बनाने की कोई योजना नहीं है। आजाद के जम्मू-कश्मीर में एक के बाद एक कई रैलियां और बैठकें करने के बाद उनके नई पार्टी बनाने की अटकलें शुरू हुई थीं। उनके 20 करीबी नेताओं के कांग्रेस से इस्तीफे ने इन अटकलों को और तेज कर दिया।
राजनीति में कल क्या होगा, कोई नहीं कह सकता- आजाद
NDTV के साथ खास बातचीत में आजाद ने नई पार्टी बनाने की अटकलों को खारिज करते हुए कहा, "कोई नहीं कह सकता कि राजनीति में आगे क्या होगा, जैसे कि कोई नहीं जानता कि वो कब मरेगा। राजनीति में कोई अंदाजा नहीं लगा सकता कि आगे क्या होगा, लेकिन मेरा अलग पार्टी बनाने का कोई इरादा नहीं है।" आजाद ने कहा कि वे राजनीति छोड़ना चाहते थे, लेकिन लाखों समर्थकों की वजह से ऐसा नहीं किया।
रैलियों पर बोले आजाद- बस राजनीतिक गतिविधियां शुरू करना चाहता हूं
जम्मू-कश्मीर में अपनी धड़ाधड़ रैलियों पर आजाद ने कहा कि वे बस इलाके में राजनीतिक गतिविधियों को शुरू करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "पिछले दो साल से लोगों और नेतृत्व के बीच संपर्क टूट गया है। 5 अगस्त, 2019 के बाद राज्य का दर्जा कम कर दिया गया, अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया, राजनीतिक गतिविधियां बंद कर दी गईं और हजारों को जेल में डाल दिया गया। जो जेल के बाहर थे, उन्हें राजनीति नहीं करने दी गई।"
मेरी ऊर्जा की बराबरी नहीं कर पा रहे जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रमुख- आजाद
उनकी बैठकों में जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर की अनुपस्थिति पर आजाद ने कहा कि मीर उनकी तेजी और ऊर्जा की बराबरी नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा, "कुछ लोग कम काम करते हैं। मुझे ज्यादा काम करने की आदत है। मैं कछुए की तरह नहीं चलता। मैं तेजी से चलता हूं।" उन्होंने कहा कि उनमें अभी भी उतनी ऊर्जा है जितनी 40 साल पहले थी और वे दिन में 16 रैली भी कर सकते हैं।
आजाद ने मौजूदा नेतृत्व पर भी साधा निशाना
आजाद ने अपनी बातचीत में कांगेस के मौजूदा नेतृत्व पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के दौर से इतर आज आलोचना की कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा, "कोई नेतृत्व को चुनौती नहीं दे रहा है। शायद इंदिरा गांधी और राजीव जी ने मुझे जब चीजें गलत जा रही हो तो सवाल करने की ज्यादा आजादी दे दी। उन्हें आलोचना से दिक्कत नहीं थी... आज का नेतृत्व इसे आक्रामण के तौर पर देखता है।"
पार्टी नेतृत्व की आलोचना करने वाले G-23 नेताओं में शामिल हैं आजाद
बता दें कि गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के उन 23 नेताओं (G-23) में शामिल हैं जिन्होंने शीर्ष नेतृत्व के काम करने के तरीके पर सवाल उठाए थे और पार्टी में बड़े सुधारों की मांग की थी। वे समय-समय पर नेतृत्व की आलोचना करते रहते हैं।