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सपा गठबंधन में दरार के संकेत, एक सहयोगी ने लौटाई समझौते के तहत मिली सीटें
सपा गठबंधन में दरार के संकेत, एक सहयोगी ने लौटाई समझौते के तहत मिली सीटें

सपा गठबंधन में दरार के संकेत, एक सहयोगी ने लौटाई समझौते के तहत मिली सीटें

Feb 04, 2022
01:59 pm

क्या है खबर?

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से चंद दिन पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के गठबंधन में दरार के संकेत सामने आए हैं। अपनी पसंद की सीटें न मिलने से नाराज अपना दल (कमेरावादी) ने समझौते के तहत मिली सभी सीटें लौटा दी हैं। हालांकि उसने साफ किया है कि वो गठबंधन में बनी रहेगी, चाहे उसे एक भी सीट न मिले। गठबंधन में शामिल जनवादी समाजवादी पार्टी (JSP) में भी सीटों को लेकर बेचैनी है।

कारण

किन बातों पर गठबंधन में पैदा हुई दरार?

अपना दल (कमेरावादी) और सपा के बीच इस तनाव की शुरूआत बुधवार को सपा के अपने नेता अमरनाथ मौर्य को इलाहाबाद पश्चिम से प्रत्याशी घोषित करने के बाद हुई। गठबंधन के तहत ये सीट कमेरावादी को दी गई थी। इसी दिन सपा ने कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल को कौशांबी जिले की सिराथू सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया, लेकिन ये स्पष्ट नहीं किया गया कि वो अपनी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी या सपा के।

जानकारी

कमेरावादी की सात सीटों का हो चुका था ऐलान, सभी लौटाईं

सपा के इलाहाबाद पश्चिम से प्रत्याशी उतारने के विरोध में कमेरावादी ने गुरूवार को गठबंधन के तहत मिली सभी सीटों को लौटाने का ऐलान कर दिया। पार्टी को कुल 18 सीटें मिली थीं, जिनमें से सात की घोषणा भी कर दी गई थी।

बयान

पहले सपा दे ले सीट, बचती हैं तो हमें दे दे- कमेरावादी

कमेरावादी के राष्ट्रीय महासचिव पंकज निरंजन ने पार्टी के इस फैसले पर इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, "हम गठबंधन में कोई विवाद या गलतफहमी नहीं चाहते हैं। इसलिए हमने उन सभी सीटों को लौटा दिया है जो सपा ने गठबंधन के तहत हमें दी थीं। पहले सपा को सीट दे लेने दीजिए, फिर कोई सीट बचती है तो वो हमें दे सकते हैं।" उन्होंने कहा कि चाहें पार्टी को एक भी सीट न मिले, पार्टी गठबंधन में रहेगी।

स्थिति

निरंजन ने समन्वयक को किया सूचिता, सपा नेता की गलतफहमी को खत्म करने की मांग

निरंजन ने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी के फैसले के बारे में सपा नेता उदयवीर सिंह को सूचित कर दिया है जो दोनों पार्टियों के बीच समन्वय का काम करते हैं। सपा प्रवक्ता ने कमेरावादी के फैसले के बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया है, वहीं एक सपा नेता ने कहा है कि अखिलेश यादव को इस गलतफहमी को खत्म करना होगा, नहीं तो वैसे ही स्थिति पैदा हो जाएगी जैसी 2017 में सपा-कांग्रेस गठबंधन में हुई थी।

अन्य पार्टियां

सीटों का ऐलान न होने से JSP में भी बेचैनी

सपा और कमेरावादी में इस तनाव के बीच गठबंधन में शामिल JSP में भी सीटों को लेकर बेचैनी देखने को मिल रही है। सूत्रों के अनुसार, JSP ने 12 ऐसी सीटों की सूची दी थी जहां से उसके उम्मीदवार सपा की टिकट पर लड़ेंगे, लेकिन अभी तक पार्टी के किसी भी उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया गया है। पार्टी अध्यक्ष संजय सिंह चौहान के अनुसार, इससे उनके कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ता जा रहा है।

बयान

नेता बोले- अखिलेश के व्यस्त होने के कारण सीटों के ऐलान में हो रही देरी

गठबंधन के एक अन्य नेता ने अखबार से कहा, "पहले दो चरण के चुनाव को देखते हुए अखिलेश पश्चिमी उत्तर प्रदेश में RLD (राष्ट्रीय लोकदल) नेताओं के साथ प्रचार में व्यस्त हैं, इसलिए उन्होंने अन्य नेताओं को सहयोगियों के साथ समन्वय की जिम्मेदारी दी है। लेकिन आखिरी फैसला अखिलेश ही लेंगे। नेताओं के बीच संवाद की कमी से सीटों के ऐलान में देरी हो रही है। भाजपा पहले ही छठवें औ सातवें चरण तक के उम्मीदवार घोषित कर चुकी है।"