योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी सुरेश राणा
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को मंत्रिपरिषद विस्तार किया।
मार्च, 2017 में सत्ता संभालने के बाद योगी सरकार का यह पहला मंत्रिपरिषद विस्तार है।
इसमें योगी आदित्यनाथ ने 18 नए चेहरों को अपनी टीम में शामिल किया है और मौजूदा मंत्रिपरिषद के पांच सदस्यों का प्रमोशन किया है।
इनमें से एक नाम सुरेश राणा का है, जो अब तक बतौर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मंत्रिपरिषद में शामिल थे। अब इन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
आरोप
मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी हैं राणा
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले की थानाभवन सीट से विधायक और गन्ना मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेश राणा को अब कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
बुधवार को उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली। उनकी गिनती भारतीय जनता पार्टी के फायरब्रांड नेताओं में होती है।
राणा 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी हैं। राणा पर दंगों के दौरान अपने भड़काऊ भाषणों से हिंसा भड़काने का आरोप है। इस मामले में उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी।
बयान
राणा ने मोदी और शाह को दिया धन्यवाद
मंत्री पद की शपथ लेने के बाद राणा ने कहा कि भाजपा में लोगों की भलाई के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं को सम्मान देने की परंपरा रही है।
उन्होंने कहा, "मैं प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मंत्री पद देने के लिए धन्यवाद करता हूं।"
राणा को मंत्री पद मिलने के बाद उनके विधानसभा क्षेत्र में उनके समर्थकों ने खुशियां मनाई।
दंगे
मुजफ्फरनगर दंगों में गई थी 62 लोगों की जान
अगस्त, 2013 में मुजफ्फरनगर जिले के कवाल गांव में एक दोहरा हत्याकांड हुआ था। इसके बाद यहां दंगे भड़क गए।
इस दंगे में 62 लोगों की जानें गई थीं और कई हजार लोग बेघर हुए थे। दंगे के चलते इलाके में स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि सेना को बुलाना पड़ा।
1,455 लोगों पर हिंसा से जुड़े कुल 503 मामले दर्ज किए गए थे। समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में हुए इन दंगों पर खूब राजनीति हुई थी।
मंत्रिपरिषद
योगी मंत्रिपरिषद में हुए 56 सदस्य
पहले विस्तार के बाद योगी सरकार के मंत्रिपरिषद में सदस्यों की संख्या 56 हो गई है।
इसमें 25 कैबिनेट, नौ राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 22 राज्यमंत्री हैं।
जब योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तब उनकी कैबिनेट में 47 सदस्य थे।
लोकसभा चुनाव में सांसद चुने जाने के बाद तीन मंत्रियों सत्यदेव पचौरी, रीता बहुगुणा जोशी और एसपी सिंह बघेल ने इस्तीफा दे दिया था जबकि ओम प्रकाश राजभर को बर्खास्त कर दिया गया था।