उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग की बड़ी लापरवाही, बुजुर्ग के घर भेजा 128 करोड़ का बिल
उत्तर प्रदेश बिजली विभाग बीते कई दिनों से गलत बिजली बिल देने को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है। गलत बिजली बिल देने का ताजा मामला हापुड़ के चामरी गांव का है। जहां बिजली विभाग ने एक बुजुर्ग के घर 128 करोड़ रुपये का बिल भेज दिया। दिलचस्प बात यह है कि बिल में सिर्फ दो किलोवाट बिजली इस्तेमाल करने की बात कही गई है। पीड़ित कई दिनों से बिल सही कराने को लेकर विभाग के चक्कर काट रहा है।
'बिल जमा नहीं किया तो कट जाएगा कनेक्शन'
पीड़ित शमीम कई दिनों से गलत बिल को सही कराने के लिए बिजली विभाग के चक्कर कांट रहे हैं। लेकिन कोई भी उनकी मदद नहीं कर रहा है। न्यूज एजेंसी से बातचीत में शमीम ने कहा, "हमारी कोई नहीं सुन रहा है। हम इतनी बड़ी रकम कहां से जमा कर दें।" उन्होंने आगे कहा, "जब हम गलत बिल को लेकर विभाग शिकायत करने गए तो अधिकारियों ने कहा कि अगर बिल जमा नहीं किया तो आपका कनेक्शन काट दिया जाएगा।"
बिजली विभाग ने पूरे शहर का बिल मेरे नाम करा दिया- पीड़ित
पीड़ित बुजुर्ग ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग ने पूरे शहर का बिल उनके नाम करा दिया। शमीम ने आगे बताया कि वह अपने घर में सिर्फ एक बल्ब और एक पंखा चलाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इससे पहले उनके घर हर महीने 700-800 रुपये का बिल आता था। लेकिन इस बार तो बिजली के बिन ने उनके पूरे घर वालों के होश उड़ा दिए हैं। वैसे, यूपी बिजली विभाग से ऐसी गलती पहली बार नहीं हुई है।
इससे पहले भी बिजली विभाग ने की थी ऐसी गलती
यूपी बिजली विभाग ने इससे पहले इसी साल जनवरी में एक युवक को 23 करोड़ का बिल थमा दिया था। हैरानी वाली बात यह थी कि बिल में बिजली विभाग ने साफ-साफ लिखा था कि उसने अपने घर में इस दौरान 178 यूनिट की खपत की थी। ऐसे में 23 करोड़ का बिल कैसे हो सकता है। बता दें कि यह मामला यूपी के कन्नौज का था। इस केस में भी पीड़ित की सुनवाई के लिए कोई तैयार नहीं था।
छत्तीसगढ़ से भी सामने आया था ऐसा ही मामला
हाल ही में छत्तीसगढ़ से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। जब मजदूरी करने वाली एक महिला के एक कमरे के घर का बिल बिजली विभाग ने 75 करोड़ रुपये का भेजा था। इस मामले में एजेंसी के एक पत्रकार ने जब छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक से बात की थी, तो उन्होंने कहा था कि ऐसा गलती से हो गया। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरी ऐसी गलतियां कब तक होती रहेंगी।