महाराष्ट्र में लोकायुक्त के दायरे में आएंगे मुख्यमंत्री और पूरा मंत्रिमंडल, लाया जाएगा नया कानून
महाराष्ट्र सरकार ने लोकायुक्त समिति की सिफारिशों को मानते हुए राज्य में लोकायुक्त कानून बनाने का फैसला किया है। बीते दिन हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री और पूरा मत्रिमंडल इस कानून के दायरे में आएगा, जो मौजूदा कानून में नहीं आते। फैसले की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, "हम महाराष्ट्र को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएंगे और पूरी पारदर्शिता के साथ सरकार चलाएंगे। इसलिए हमने लोकायुक्त कानून लाने का फैसला किया है।"
क्या है लोकायुक्त?
लोकायुक्त एक सर्वोच्च वैधानिक पदाधिकारी है, जिसका कार्य राज्य सरकार और उसके प्रशासन के खिलाफ मिली भ्रष्टाचार की शिकायतों की सुनवाई करना है। लोकायुक्त विधेयक पारित हो जाने के बाद महाराष्ट्र हाई कोर्ट के न्यायाधीश, राज्यपाल और महाराष्ट्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष से रायशुमारी करके सरकार लोकायुक्त की नियुक्ति करेगी। बता दें कि महाराष्ट्र लोकायुक्त और उप-लोकायुक्त अधिनियम, 1971 के माध्यम से लोकायुक्त स्थापित करने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य था। ये कानून अभी भी लागू है।
समाजसेवी अन्ना हजारे ने की थी लोकायुक्त की मांग
समाजसेवी अन्ना हजारे ने लोकायुक्त कानून को लेकर साल 2016 में रालेगण सिद्धि में अनशन किया था। तब तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस अनशन को तुड़वाने के लिए उनकी सभी शर्तों को मानकर लोकायुक्त कानून बनाने के लिए समिति गठित की थी। सरकार और अन्ना टीम के 10 सदस्यों ने मिलकर लोकायुक्त विधेयक का ड्राफ्ट तैयार किया था। इसके बाद उद्धव ठाकरे की सरकार सत्ता में आ गई और उससे भी इसे लागू करने की मांग की गई थी।
फडणवीस ने बताया सरकार का सबसे अहम कदम
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उनके कार्यकाल में महाराष्ट्र में लोकपाल कानून को लेकर अन्ना हजारे के नेतृत्व में एक समिति गठित की गई थी, लेकिन महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार के दौरान इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा, "लोकपाल की तर्ज पर महाराष्ट्र में लोकायुक्त हो, इसलिए हम भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए यह कानून बना रहे हैं और यह हमारी सरकार द्वारा पिछले पांच महीनों में उठाया गया सबसे बड़ा कदम है।"
लोकायुक्त के दायरे में आएगा मुख्यमंत्री समेत पूरा मंत्रिमंडल
फडणवीस ने कहा कि सरकार इसी शीतकालीन सत्र में लोकायुक्त बिल लेकर आएगी और लोकायुक्त के दायरे में मुख्यमंत्री और पूरे मंत्रिमंडल को लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम को नए लोकायुक्त कानून का हिस्सा बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोकायुक्त में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों सहित पांच लोगों की एक टीम होगी, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ मिली शिकायतों का निस्तारण करेगी।