महाराष्ट्र: मराठा आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे करेंगे उच्च स्तरीय बैठक, हिंसा को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
क्या है खबर?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे राज्य में एक बार फिर उठ रही मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक करेंगे।
शिंदे ने कहा कि जालना जिले में हुई हिंसा और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई की विस्तृत जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जालना के पुलिस अधीक्षक (SP) तुषार दोषी को अनिवार्य छुट्टी पर भेज दिया गया है।
बयान
हिंसा की जांच के लिए जालना जाएंगे ADG- शिंदे
एकनाथ शिंदे ने बुलढाणा जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "जालना में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने मनोज जारांगे पाटिल को फोन किया था और उनसे आंदोलन वापस लेने के लिए कहा था। उनकी तबीयत बिगड़ रही थी और उन्हें चिकित्सा की आवश्यकता थी, लेकिन वहां पर दुर्भाग्यपूर्ण रूप से हिंसा भड़क गई।"
शिंदे ने कहा कि ADG संजय सक्सेना जांच करने के लिए जालना जाएंगे और यदि आवश्यक हुआ तो पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया जाएगा।
बयान
शिंदे बोले- सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध
शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार मराठा समुदाय को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, "मेरी सरकार राज्य में मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। जब तक मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक पहले से मौजूद सरकारी योजनाएं जारी रहेंगी और मराठा समुदाय के योग्य लोगों को उन सभी योजनाओं का पूरा लाभ मिलता रहेगा।"
मांग
पुलिसकर्मियों पर की जाए कार्रवाई- मनोज जारांगे
जालना में आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे मनोज जारांगे पाटिल ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज किए गए केस को भी वापस लिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, "हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे और पुलिस ने भी शुरू में हमारे साथ अच्छे से बात की, लेकिन तभी एक कॉल आई और उन्होंने हमें जबरदस्ती हटाना शुरू कर दिया।"
मामला
जालना में कैसे भड़की थी हिंसा?
पाटिल आरक्षण की मांग को लेकर मंगलवार को अपने समर्थकों के साथ भूख हड़ताल पर बैठे थे।
शुक्रवार को पुलिस डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए धरनास्थल पर पहुंच गई।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया और पथराव शुरू कर दिया, जिसमें कई पुलिस अधिकारी घायल हो गए। लगभग 40 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
इसके बाद शरद पवार और उद्धव ठाकरे समेत कई विपक्षी नेता जालना पहुंचे थे।
मांग
न्यूजबाइट्स प्लस
महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने मराठाओं के आंदोलन के बाद 2018 में सरकारी नौकरियों और शिक्षा में उन्हें आरक्षण देने का ऐलान किया था।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने 2021 में इस आरक्षण को रद्द कर दिया था।
अब जालना जिले के अंतरवाली सारथी गांव में स्थानीय नेता मनोज जारांगे की भूख हड़ताल के बाद महाराष्ट्र में एक बार फिर मराठा आरक्षण की मांग उठी है।