माणिक साहा ने ली त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की शपथ, प्रधानमंत्री समेत कई दिग्गज रहे मौजूद
डॉ माणिक साहा ने आज लगातार दूसरी बार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अगरतला के विवेकानंद मैदान में हुए शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री साहा के साथ उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने भी शपथ ली। बीते सोमवार को विधायक दल की बैठक में डॉ साहा को विधायक दल का नेता चुना गया था।
त्रिपुरा मंत्रिमंडल में इन्हें मिली जगह
मुख्यमंत्री साहा के साथ आज त्रिपुरा मंत्रिमंडल के 8 नए मंत्रियों ने भी शपथ ली। इन मंत्रियों में रतन लाल नाथ, प्रणजीत सिंघा रॉय, सनातन चकमा, सुशांत चौधरी, टिंकू रॉय, बिकास देबबर्मा, सुधांशु दास और सुक्ला चरण नोआतिया शामिल हैं।
2016 में भाजपा में शामिल हुए थे साहा
डॉ साहा 2016 में कांग्रेस छोड़ने के बाद भाजपा में शामिल हुए थे। इस चुनाव से पहले बिप्लब कुमार देब की जगह डॉ साहा को मुख्यमंत्री बनाया गया था। वह 2020 में त्रिपुरा भाजपा प्रमुख और 2022 में राज्यसभा सांसद चुने गए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री बनने से पहले कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा था और वह टाउन बारडोवाली सीट से उपचुनाव लड़े थे। इस चुनाव में भी उन्होंने इस सीट पर दोबारा जीत हासिल की है।
राजनीति में आने से पहले डेंटल सर्जन थे डॉ साहा
इस चुनाव से पहले भाजपा ने स्वच्छ छवि वाले डेंटल सर्जन डॉ साहा को सूबे की कमान सौंपी थी। डॉ साहा ने पटना के गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज से बैचलर और लखनऊ के किंग जॉर्जेस मेडिकल कॉलेज से मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी की डिग्री ली है। साहा त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज में डेंटल सर्जरी विभाग के प्रमुख भी थे। इंडियन डेंटल एसोसिएशन और त्रिपुरा सरकार द्वारा डेंटल सर्जरी में उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है।
डॉ साहा ने 3 मार्च को मुख्यमंत्री पद से दिया था इस्तीफा
त्रिपुरा चुनाव के नतीजे आने के बाद 3 मार्च को डॉ साहा ने राज्यपाल सत्यदेव नारायण से मुलाकात की थी और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा था, लेकिन इस दौरान नई सरकार के गठन को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई। इसके बाद त्रिपुरा में नए मुख्यमंत्री मंत्री के नाम को लेकर अटकलें तेज हो गई थी और केंद्रीय मंत्री प्रतिभा भौमिक का नाम चर्चाओं में आया था। हालांकि, विधायक दल की बैठक के बाद इन सभी अटकलों पर विराम लग गई।
पिछले चुनाव के मुकाबले भाजपा गठबंधन को मिली कम सीटें
त्रिपुरा में इस चुनाव में भाजपा और इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT) का गठबंधन दूसरी बार सत्ता में लौटा है, लेकिन यह जीत डॉ साहा की "सुनामी" वाली भविष्यवाणी से थोड़ी कमतर है। भाजपा गठबंधन ने 2018 के चुनाव में 36 सीटें हासिल की थीं, जबकि इस बार गठबंधन के खाते में 33 सीटें ही आई हैं। साहा का भी मानना है कि इस विधानसभा चुनाव में पार्टी गठबंधन का प्रदर्शन उम्मीद के अनुरूप रहा है।
त्रिपुरा में इस बार क्या रहे चुनावी नतीजे?
त्रिपुरा में भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की है। वह राज्य की 60 में से 32 सीटें जीतने में कामयाब रही, वहीं एक सीट पर उसकी सहयोगी पार्टी ने जीत दर्ज की है। वामपंथी पार्टियों और कांग्रेस के गठबंधन ने 14 सीटों पर जीत दर्ज की, वहीं नवोदित टिपरा मोथा पार्टी (TMP) भी 13 सीटें जीतने में कामयाब रही। भाजपा ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव साहा के नेतृत्व में ही लड़ा था।