बिप्लब देब के इस्तीफे के बाद माणिक साहा होंगे त्रिपुरा के अगले मुख्यमंत्री
क्या है खबर?
माणिक साहा त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री होंगे। बिप्लब देब के इस्तीफे के बाद आज शाम को हुई बैठक में भाजपा विधायक दल ने उन्हें अपना नेता चुना।
इस बैठक में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर शामिल हुए।
साहा राज्यपाल को भाजपा विधायक दल के फैसले के बारे में सूचित करने के लिए राजभवन निकल गए हैं और जल्द ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
इस्तीफा
बिप्लब देब ने आज दोपहर में ही दिया था इस्तीफा
2018 से त्रिपुरा के मुख्यमंत्री रहे बिप्लब देब ने आज दोपहर में ही अपने पद से इस्तीफा दिया था। इस्तीफे से पहले कल उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी।
उन्होंने ऐसे समय पर इस्तीफा दिया जब भाजपा की त्रिपुरा इकाई में आंतरिक कलह की खबरें आ रही थीं और पार्टी नेता देब के रवैये से नाराज बताए जा रहे थे। कुछ नेताओं ने पार्टी छोड़ भी दी।
बधाई
बिप्लब देब ने दी साहा को बधाई
देब ने ट्वीट कर अपने उत्तराधिकारी साहा को मुख्यमंत्री बनने की बधाई दी है।
अपने ट्वीट में उन्होंने कहा, 'डॉ माणिक साहा को विधायक दल का नेता चुने जाने पर बधाई और शुभकामनाएं। मेरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विजन और नेतृत्व में त्रिपुरा समृद्ध होगा।'
देब ने विधायक दल की बैठक के बाद साहा को गुलदस्ता देकर उन्हें सम्मानित भी किया।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी ट्वीट कर साहा को बधाई दी है।
राजनीतिक सफर
कौन हैं माणिक साहा?
पेशे से डेंटिस्ट माणिक साहा त्रिपुरा भाजपा के प्रमुख और राज्य के इकलौते राज्यसभा सांसद हैं। उन्होंने इस साल की शुरूआत में ही राज्यसभा चुनाव जीता था।
साहा ने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत कांग्रेस से की थी, लेकिन 2016 में वह भाजपा में शामिल हो गए।
2020 में वह त्रिपुरा भाजपा के अध्यक्ष बन गए और नवंबर, 2021 में हुए नगर निगम चुनावों में भाजपा के स्वीप का श्रेय उन्हें ही दिया जाता है।
जानकारी
भाजपा के अंदर निष्पक्ष माने जाते हैं साहा, खेमेबाजी में नहीं पड़ते
भाजपा के सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि साहा के बारे में सबसे अच्छी बात ये है कि वह भाजपा के अंदर बने किसी भी खेमे से नहीं आते और उन्हें निष्पक्ष माना जाता है। इससे आंतरिक कलह को शांत करने में मदद मिलेगी।
विधानसभा चुनाव
त्रिपुरा में अगले साल होने हैं विधानसभा चुनाव
गौरतलब है कि भाजपा ने त्रिपुरा में मुुख्यमंत्री के चेहरे को ऐसे समय पर बदला है जब अगले साल ही राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं।
इस चुनाव में भाजपा की मुख्य टक्कर कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों के साथ है। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) भी राज्य में जड़े जमाने के प्रयास में है और अपने संगठन के विस्तार में लगी हुई है।
भाजपा का लक्ष्य इस चुनाव में जीत दर्ज कर लगातार दूसरी बार सत्ता में आना है।
जानकारी
पिछली बार क्या रहे थे नतीजे?
2018 के त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज भाजपा ने वामपंथी पार्टियों के 25 साल पुराने शासन को उखाड़ फेंका था। 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 36 सीटें मिली थीं और उसने पहली बार राज्य में सरकार बनाई थी।