रेवंत रेड्डी होंगे तेलंगाना के मुख्यमंत्री, जानें वे कौन हैं और कैसा रहा है राजनीतिक करियर
कांग्रेस ने तेलंगाना के नए मुख्यमंत्री की आधिकारिक घोषणा कर दी है। तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ही तेलंगाना के नए मुख्यमंत्री होंगे। वे 7 दिसंबर को सुबह 11:00 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके साथ 2 उपमुख्यमंत्री भी शपथ ले सकते हैं। विधायक दल की राय जानने के बाद दिल्ली में हुई राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत वरिष्ठ नेताओं की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी। आइए रेड्डी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
कौन हैं रेवंत रेड्डी?
रेवंत का जन्म 8 नवंबर, 1967 को आंध्र प्रदेश के नगरकुर्नूल के कोंडारेड्डी पल्ली में हुआ था। उन्होंने हैदराबाद में ओस्मानिया विश्वविद्यालय से फाइन आर्ट्स में स्नातक किया है। वह छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े थे। रेड्डी ने 1992 में कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री जयपाल रेड्डी की भतीजी अनुमुला गीता से शादी की। उनकी एक बेटी है, जिसका नाम न्यामिषा है। वह वर्तमान में तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष हैं।
कैसे हुई राजनीतिक सफर की शुरुआत?
रेड्डी के राजनीतिक सफर की शुरुआत स्थानीय निकाय चुनाव से हुई। उन्होंने 2006 में निर्दलीय चुनाव लड़ा और जिला परिषद क्षेत्रीय समिति के सदस्य चुने गए। वह 2007 में निर्दलीय ही आंध्र प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बने। इस दौरान वह तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के करीब आए और पार्टी का हिस्सा बन गए। 2009 में रेड्डी ने कोडंगल सीट से TDP के टिकट पर अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
2017 में कांग्रेस में शामिल हुए रेड्डी
रेड्डी तेलंगाना के गठन से पहले 2014 विधानसभा चुनाव में दोबारा कोडंगल सीट से TDP के टिकट पर चुनाव लड़े। इस चुनाव में उन्होंने तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) उम्मीदवार को 14,000 से अधिक वोटों के अंतर से हराया। इसके बाद TDP ने रेड्डी को नवगठित तेलंगाना विधानसभा में नेता सदन बनाया। 2017 में कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच कांग्रेस ने उन्हें नेता सदन के पद से बर्खास्त कर दिया, जिसके बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए।
कांग्रेस में तेजी से सफलता की सीढ़ी चढ़े रेड्डी
रेड्डी ने 2018 में तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस समिति के 3 कार्यकारी अध्यक्षों में से एक चुने गए। इसी साल वह तीसरी बार कोडंगल सीट से विधानसभा चुनाव लड़े, लेकिन इस बार उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के उम्मीदवार से पहली शिकस्त मिली। उन्होंने 2019 में मल्काजगिरि सीट से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा और TRS उम्मीदवार को 10,000 से अधिक वोटों से हराया। उन्हें 2021 में तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई।
चुनाव में कांग्रेस की जीत के लिए झोंकी पूरी ताकत, प्रचार का केंद्र रहे
इन चुनाव में कांग्रेस की जीत और सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) को बाहर करने में रेड्डी की अहम भूमिका मानी जाती है। चुनाव में अपनी पूरी दम झोंक दी और वे राहुल गांधी के साथ वे चुनाव प्रचार का केंद्र रहे। चुनाव से पहले भी रेड्डी लगातार के चंद्रशेखर राव पर हमलावर रहे, जिससे कांग्रेस के पक्ष में हवा बनाने में मदद मिली। रेड्डी राहुल के करीबी हैं, इसी कारण उनका मुख्यमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा था।
क्या रहे तेलंगाना चुनाव के नतीजे?
रेड्डी के नेतृत्व में कांग्रेस ने तेलंगाना चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की है और 10 साल से सत्ता पर काबिज BRS को हरा दिया। कांग्रेस ने राज्य की 119 सीटों में से 65 सीटें जीती हैं, वहीं BRS महज 39 सीटों तक सीमित रही। इसके अलावा भाजपा के खाते में भी 8 सीटें आई हैं, वहीं AIMIM मात्र 7 सीटें जीती है। चुनाव में रेड्डी ने कोडांगल सीट पर 32,532 वोट के भारी अंतर से जीत हासिल की है।