तेलंगाना: YSR पार्टी नहीं लड़ेगी चुनाव, कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान
युवजन श्रमिका रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) की तेलंगाना प्रमुख वाईएस शर्मिला ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी तेलंगाना में आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की छोटी बहन शर्मिला ने कहा कि उन्होंने चुनाव में वोटों के विभाजन को रोकने के लिए कांग्रेस को अपना समर्थन देने का फैसला किया है। उनका दावा है कि इस निर्णय से चुनाव में तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) को नुकसान होगा।
शर्मिला बोलीं- BRS के भ्रष्ट और तानाशाही शासन को समाप्त करने का मौका
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुक्रवार को हैदराबाद में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए YSR तेलंगाना प्रमुख शर्मिला ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा, "तेलंगाना चुनाव में उनके पास BRS के 'भ्रष्ट और तानाशाही' शासन को समाप्त करने का मौका है। वह कांग्रेस के वोट शेयर को विभाजित नहीं करना चाहतीं, जिससे के चंद्रशेखर राव को फायदा होगा।" कुछ महीने पहले से उनके कांग्रेस को समर्थन देने अटकलें लगाई जा रही थी।
शर्मिला ने कांग्रेस नेताओं से की थी मुलाकात
NDTV की रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले महीने शर्मिला ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद उन्होंने दावा किया था कि बैठक में गठबंधन को लेकर रचनात्मक चर्चा हुई और तेलंगाना चुनाव में चंद्रशेखर राव की हार होगी। उन्होंने ये भी कहा था, "अगर कांग्रेस के साथ गठबंधन पर कोई फैसला नहीं हुआ तो उनकी पार्टी तेलंगाना चुनाव में सभी 119 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।"
YSR के कांग्रेस को समर्थन देने का क्या असर होगा?
YSR का समर्थन मिलने से कांग्रेस को तेलंगाना चुनाव में बड़ा फायदा हो सकता है। यहां कई सीटों पर सर्वे में सामने आया था कि YSR के चुनाव लड़ने से कांग्रेस के वोट शेयर पर असर पड़ेगा और ये कम होगा। इससे एक विचित्र स्थिति भी पैदा होती है। जहां आंध्र प्रदेश में YSR कांग्रेस का केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के साथ गठबंधन है, वहीं अब उसने तेलंगाना में कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
पिछले तेलंगाना चुनाव में कांग्रेस, तेलंगाना जन समिति, तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने महागठबंधन था, लेकिन यह तेलंगाना राष्ट्र समिति (अब BRS) को हराने में असफल रहे थे। मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने एक खास रणनीति के तहत 2018 में विधानसभा चुनाव 9 महीने पहले करा दिए थे। इस चुनाव में उनकी पार्टी ने 88, कांग्रेस ने 19, AIMIM ने 7 और TDP ने 2 और भाजपा ने महज एक सीट जीती थी।