#NewsBytesExplainer: क्या है नेशनल हेराल्ड मामला, जिसमें गांधी परिवार की कंपनी की संपत्ति जब्त हुई?
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AGL) और यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) से जुड़ी कुल 751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। इस कार्रवाई को कांग्रेस ने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार का 'राजनीतिक प्रतिशोध' बताया है क्योंकि YIL में गांधी परिवार की हिस्सेदारी है। आइए जानते हैं कि ये मामला क्या है और गांधी परिवार पर क्या आरोप हैं।
सबसे पहले जानें क्या है नेशनल हेराल्ड
नेशनल हेराल्ड एक अंग्रेजी अखबार था, जिसकी स्थापना देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने स्वतंत्रता संग्राम के वक्त 1938 में की थी। तब इस अखबार को कांग्रेस का मुखपत्र माना जाता था, जिसमें देश की आजादी का समर्थन करने वाले विचार छपते थे। इस अखबार और अन्य दो अखबारों को AJL कंपनी चलाती थी। ये कंपनी नेहरू ने अन्य 5,000 स्वतंत्रता सेनानियों को शेयरधारक बनाकर शुरू की थी और इसका कोई एक मालिक नहीं था।
क्यों है विवाद?
AJL ने घाटे के कारण 2008 में नेशनल हेराल्ड और अन्य अखबारों को बंद कर दिया। उस वक्त कंपनी पर कांग्रेस का 90.25 करोड़ रुपये का कर्ज था। कांग्रेस ने इस कर्ज वसूली का अधिकार 50 लाख रुपये में YIL कंपनी को दे दिया, जिसने इसके बदले में 10 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर AJL के 9 करोड़ शेयर खरीद लिए। इससे AJL के 99 प्रतिशत शेयर YIL के पास आ गए और वह इसकी मालिक कंपनी बन गई।
गांधी परिवार का कैसे जुड़ा नाम?
YIL कंपनी को सोनिया गांधी और राहुल ने कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ मिलकर 2010 में बनाया था। इसमें सोनिया और राहुल के 38-38 प्रतिशत यानि कुल 76 प्रतिशत शेयर हैं और बाकी नेताओं के 24 प्रतिशत शेयर हैं। कांग्रेस ने बाद में AJL का पूरा कर्ज माफ कर दिया था, जिसका मतलब सोनिया और राहुल को मात्र 50 लाख का खर्च करके YIL के जरिए AJL और नेशनल हेराल्ड का मालिकाना हक मिल गया।
क्या हैं कांग्रेस नेता सोनिया और राहुल पर आरोप?
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी का दावा है कि ये सब मात्र 50 लाख रुपये में AJL की लगभग 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को अपने नाम करने के लिए किया गया। इसमें दिल्ली के बहादुरशाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस भी शामिल है, जिसे सरकार ने AJL को लीज पर दे रखा था। आरोप है कि कांग्रेस नेता इस इमारत को किराए पर उठाकर पैसे कमा रहे थे, जबकि इसे मात्र अखबार चलाने के लिए लीज पर दिया गया था।
कांग्रेस ने आरोपों पर क्या कहा?
कांग्रेस का कहना है कि YIL को चैरिटी के मकसद के साथ खोला गया था और यह एक गैर-लाभकारी कंपनी है। उसके अनुसार, लेनदेन में किसी भी तरह का घोटाला नहीं हुआ है और कंपनी के शेयर ट्रांसफर करना एक व्यावसायिक लेनदेन था। कांग्रेस ने कार्रवाई को भाजपा सरकार का 'राजनीतिक प्रतिशोध' बताते हुए उस पर जांच एजेंसियों को विरोधियों के खिलाफ दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। मामले में ED राहुल और सोनिया से भी पूछताछ कर चुकी है।
मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?
भाजपा के नेता स्वामी की शिकायत पर 2014 में मामले में जांच शुरू हुई थी। आरोपों पर तेज सुनवाई की मांग को लेकर वह सुप्रीम कोर्ट भी गए, लेकिन उन्हें हाई कोर्ट जाने का निर्देश दिया गया। 19 दिसंबर, 2015 को निचली कोर्ट से सोनिया और राहुल को अग्रिम जमानत मिल गई। ED ने जून, 2022 में दोनों नेताओं से पूछताछ भी की थी। अब कोर्ट ने संपत्ति जब्त करने और कंपनियों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे।
ED ने कितनी संपत्ति जब्त की?
21 नवंबर, 2023 को ED ने गांधी परिवार से जुड़ी YIL कंपनी की 90 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी तौर पर जब्त कर ली है। इसके अलावा AJL की 661.69 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। ED के अनुसार, कोर्ट के आदेश पर दिल्ली और मुंबई में स्थित नेशनल हेराल्ड की इमारतों और लखनऊ स्थित नेहरू भवन को जब्त किया गया है, वहीं YIL के AJL में शेयर भी जब्त किए गए हैं।