कर्नाटक: RSS नेता के स्कूल में हुआ बाबरी मस्जिद ढहाने का 'नाटक', वीडियो वायरल
क्या है खबर?
कर्नाटक के एक स्कूल का वीडियो सामने आया है, जिसमें बच्चे बाबरी मस्जिद के पोस्टर को फाड़ रहे हैं और गिरा रहे हैं।
यह वीडियो दक्षिण कन्नड़ के जिले क्लाडका के श्रीराम विद्याकेंद्र हाई स्कूल का है, जहां 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों ने बाबरी मस्जिद विध्वंस के दृश्य का मंचन किया।
पोस्टर फाड़ने के बाद छात्रों ने इसकी जगह 'राम मंदिर' की 'स्थापना' की। इस पूरे 'नाटक' के दौरान छात्र राम सीता और हनुमान के जयकारे लगाते रहे।
वीडियो
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो
सोशल मीडिया पर इस 'नाटक' के वीडियो वायरल हो रहे हैं। इनमें देखा जा सकता है कि सैंकड़ों की तादाद में सफेद शर्ट-पेंट और सफेद शर्ट और केसरी धोती पहने छात्र बाबरी मस्जिद के पोस्टर की तरफ दौड़ते हैं।
पीछे से लाउडस्पीकर पर आवाज आती है, 'वो ढांचा गिराने के लिए दौड़ चुके हैं और उनके सामने आ रही हर चीज को तहस-नहस कर रहे हैं। बोलो श्रीरामचंद्र की जय।'
इसके बाद छात्र पोस्टर को गिरा देते हैं।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखिये 'नाटक' का मंचन
A school in Karnataka run by a RSS leader is making it's students re-enact the demolition of the Babri Masjid
— Srivatsa (@srivatsayb) December 16, 2019
This is the future of education in India when the RSS-BJP takeover of our society is complete.
And this is why it's our duty to resist.pic.twitter.com/eg7IPzz3zw
जानकारी
RSS नेता का है स्कूल
जिस स्कूल में यह 'नाटक' किया गया, वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नेता कल्लाकड़ा प्रभाकर भट का स्कूल है। जब छात्र यह 'नाटक' कर रहे थे, तब केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा, पुड्डुचेरी की राज्यपाल किरण बेदी और कर्नाटक सरकार के कई मंत्री वहां मौजूद थे।
फैसला
बाबरी मस्जिद विध्वंस को आपराधिक कृत्य मान चुका है सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने अयोध्या भूमि विवाद का फैसला सुनाते हुए अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस को आपराधिक कृत्य माना था।
जब भट से पूछा गया कि उन्होंने इस आपराधिक कृत्य का मंचन क्यों करवाया तो उन्होंने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट से सहमत नहीं है।
उन्होंने कहा, "हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे गलत माना था, लेकिन हमने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। हम फैसले में हर बात से सहमत नहीं हो सकते।"
प्रतिक्रिया
क्या बोले स्कूल के मालिक?
भट्ट ने कहा कि यह ऐतिहासिक घटना थी और इसके मंचन में कुछ गलत नहीं है।
उन्होंने कहा, "यह मस्जिद नहीं है। यह सिर्फ इमारत है। यह ऐतिहासिक घटना थी, जिसका हम मंचन कर रहे है। हमने जलियांवाला बाग की घटना का भी मंचन किया है। उसके बारे में किसी ने कोई बात नहीं की। ऐसे सैंकड़ों घटनाएं हैं। हमें दिखाना है कि हमारे देश के साथ क्या अन्याय हुआ है। हमने इसे बाबरी ढांचा कहा है, मस्जिद नहीं।"
जानकारी
क्या बोले केंद्रीय मंत्री?
जब केंंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने वहां से होने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, "जब इसका मंचन किया जा रहा था, तब मैं स्कूल में नहीं था। मैं जब तक पहुंचा तब तक यह हो चुका था।"
बाबरी मस्जिद विध्वंस
देश के इतिहास में अहम घटना है बाबरी मस्जिद विध्वंस
भारत के इतिहास में बाबरी मस्जिद विध्वंस एक अहम घटना है। 6 दिसंबर, 1992 को कारसेवकों ने 'मंदिर वहीं बनायेंगे', 'एक धक्का और दो, बाबरी मस्जिद तोड़ दो' के नारों के साथ 20 मिनट के अंदर अयोध्या में बनी बाबरी मस्जिद को ढ़हा दिया था।
इसके बाद हुए दंगों में हजारों लोग मारे गए थे। जिस समय कारसेवक मस्जिद ढहा रहे थे, उस वक्त लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती आदि परिसर के नजदीक जमा थे।