हरियाणा में बागी और निर्दलीयों ने 16 सीटों पर कांग्रेस को कैसे पहुंचाया नुकसान?
हरियाणा विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस चुनाव आयोग पर सवाल उठा रही है और कारणों की समीक्षा करने में जुटी है। इस बीच आंकड़े बता रहे हैं कि करीब 16 सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस की हार में निर्दलीयों और बागी नेताओं की भूमिका रही है। अगर इन 16 में से 9 सीटें भी कांग्रेस जीत जाती तो बहुमत के आंकड़े को पार कर लेती। आइए ऐसी सीटों के बारे में जानते हैं।
कैसे निर्दलीय-बागियों ने बिगाड़ा कांग्रेस का खेल?
15 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे। इन्हें कांग्रेस की हार के अंतर से ज्यादा वोट मिले। इनमें से 12 सीटें भाजपा ने जीतीं और इन सीटों पर कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही। 2 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली, जबकि एक सीट इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के खाते में गई। कांग्रेस जिन 12 सीटों पर हारी, उनमें से 3 पर कांग्रेस के बागी निर्दलीय उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे।
7 सीटों पर बागियों की वजह से हारी कांग्रेस
कांग्रेस की हार वाली 4 सीटें ऐसी हैं, जहां बागी या तो जीते या दूसरे स्थान पर रहे। इस तरह कांग्रेस को 7 सीटों पर अपने ही बागियों के चलते हार का सामना करना पड़ा, जबकि 9 सीटों पर निर्दलीयों ने उसे हराने में अहम भूमिका निभाई। कांग्रेस को चुनावों में 37 सीटें मिलीं और बहुमत का आंकड़ा 46 है। अगर कांग्रेस इन 15 बागी-निर्दलीय में से 9 को भी साध लेती तो उसे शायद जीत मिल सकती थी।
अनिल विज की सीट पर निर्दलीय ने कांग्रेस को पछाड़ा
हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज अंबाला कैंट सीट से मैदान पर थे। उन्हें केवल 7,277 वोटों से जीत मिली, जबकि निर्दलीय मैदान में उतरीं चित्रा सरवरा दूसरे स्थान पर रही। वे कांग्रेस से टिकट चाहती थी, लेकिन नहीं मिलने के बाद निर्दलीय मैदान में उतरीं। इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार को मात्र 14,469 जबकि सरवरा को 52,581 वोट मिले। अगर सरवरा को टिकट मिल जाता तो ये सीट कांग्रेस के खाते में जा सकती थी।
इन सीटों पर जीत के अंतर से ज्यादा वोट निर्दलीय को मिले
बधरा, दादरी, गोहाना, होडल, कालका, महेंद्र गढ़, राय, सफिदोन, सामल्खा, सोहना, तोशाम और उचाना कलां में कांग्रेस की हार का अंतर निर्दलीय को मिले वोटों से भी कम था। ये सभी सीटें भाजपा के खाते में चली गईं। कलायत और पृथला सीट पर कांग्रेस उम्मीदवारों को जीत मिली, जहां निर्दलीयों ने भाजपा का खेल बिगाड़ दिया। रानिया सीट पर INLD के अर्जुन चौटाला की जीत का अंतर 4,191 था, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार को 36,401 वोट मिले।
इन सीटों पर बागियों ने बिगाड़ा कांग्रेस का खेल
बहादुरगढ़ में कांग्रेस के बागी राजेश जून ने जीत दर्ज की। उन्होंने मौजूदा कांग्रेस विधायक राजेंद्र जून को हराया। टिकट नहीं मिलने के बाद राजेश ने निर्दलीय उतरने का ऐलान किया था। अब राजेश भाजपा में शामिल हो गए हैं। बल्लभगढ़ सीट पर कांग्रेस की बागी शारदा राठौर दूसरे स्थान पर रही और कांग्रेस उम्मीदवार चौथे नंबर पर। पुंडरी में कांग्रेस के बागी सतबीर भाना ने कांग्रेस के उम्मीदवार सुल्तान जडौला से ज्यादा वोट हासिल किए।
क्या रहे हरियाणा विधानसभा चुनावों के नतीजे?
हरियाणा की 90 सीटों में से भाजपा ने 48 और कांग्रेस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की है। नतीजों के बाद 2 निर्दलीय विधायक भाजपा में शामिल हो गए और एक ने समर्थन किया है। इसके अलावा INLD को 2 और निर्दलीय उम्मीदवारों को 2 सीटें मिली हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीतने वाली जननायक जनता पार्टी (JJP) बुरी तरह हारी है। आम आदमी पार्टी (AAP) का भी प्रदेश में खाता नहीं खुल सका।