पंजाब: भगवंत मान ने हंगामे के बीच पेश किया विश्वास प्रस्ताव, भाजपा पर बोला हमला
क्या है खबर?
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को विधानसभा के विशेष सत्र में भारी हंगामे के बीच विश्वास प्रस्ताव पेश किया। विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग 3 अक्टूबर को होगी।
इससे पहले मुख्यमंत्री के विश्वास प्रस्ताव पेश करने के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा कर दिया।
इस पर स्पीकर कुलतार सिंह संधवान ने कांग्रेस विधायकों एक दिन के लिए निलंबित करते सदन से बाहर करने का फरमान सुनाया और कार्रवाई को 29 सितंबर दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया।
हमला
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर बोला हमला
मुख्यमंत्री मान ने दोपहर में सदन में विश्वास प्रस्ताव पेश किया और मंत्री हरपाल चीमा और अमन अरोड़ा ने इसका समर्थन किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा ने एक नया तरीका ढूंढ लिया है जब लोग नही चुनते तो विधायकों को खरीद कर सरकार बना लेते हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता समय से खेल रहे हैं। वो भूल रहे हैं कि वक्त किसी का नहीं होता। वह मृग तृष्णा की शिकार है।
चुटकी
भाजपा के AAP विधायकों को खरीदने के प्रयास हुए विफल- मान
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि भाजपा ने दिल्ली में भी AAP विधायकों को खरीदने का तीन बार प्रयास किया, लेकिन सभी प्रयास विफल हो गए। AAP के विधायक बिकाऊ नहीं हैं और मंडी में इनकी कीमत ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने बत्रा सिनेमा के सामने ख्याली विधानसभा लगाई हुई है। वह एक्टिंग कर रहे हैं, लेकिन वह भी सिनेमा के अंदर होती है। लोग सब जानते हैं कि भाजपा विश्वास को खरीदने के प्रयास में लगी है।
हमला
मुख्यमंत्री मान ने कांग्रेस पर भी बोला हमला
मुख्यमंत्री मान ने कहा, "लोगों ने हमारे ऊपर विश्वास किया है यह बताने से हमें रोका जा रहा है। लगता था कि लोगों का विश्वास खरीदने के मामले में कांग्रेस साथ देगी, लेकिन कांग्रेस विधायक अब विरोध में वोट डालेंगे। ये भाजपा से मिले हुए हैं।"
उन्होंने कहा, "हमने जिस दिन विश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विधानसभा बुलाने की बात की तो कांग्रेस ने विरोध शुरू कर दिया। कांग्रेस को अपने विधायकों को बेच कर गुजारा करना पड़ रहा है।"
सवाल
कांग्रेस विधायक बताएं, उनके पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी कहां हैं?
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सरकार बदलने के बाद कई फाइलों पर साइन किए। वह जानना चाहते हैं कि इन पर साइन क्यों किए, लेकिन अब वह कहीं मिल नहीं रहे हैं। कांग्रेस विधायक बताएं कि उनके पूर्व मुख्यमंत्री कहां हैं।
इस दौरान कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि सरकार को विश्वास प्रस्ताव लाने का कोई हक नहीं है। मुख्यमंत्री की ओर से लाया जा रहा यह प्रस्ताव संविधान के खिलाफ है।
हंगामा
विश्वास प्रस्ताव पेश करने के दौरान जमकर हुआ हंगामा
विश्वास प्रस्ताव पेश करने के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस विधायकों ने 'स्पीकर मुर्दाबाद' तक के नारे लगा दिए।
इसके बाद स्पीकर ने मार्शल को कांग्रेस के सभी विधायकों को सदन से निकालने का आदेश दिया और विधायकों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया।
मार्शल के कहने पर भी कांग्रेस विधायक सदन में बैठे रहे तो स्पीकर ने पहले 10 मिनट और फिर 15 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित की। इसके बाद विधायक चले गए।
जानकारी
मंत्री अरोड़ा ने कांग्रेस पर लगाया मिलीभगत का आरोप
विश्वास प्रस्ताव पेश करने के दौरान कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने शून्यकाल की मांग की, लेकिन स्पीकर ने इससे नकार दिया। इस पर मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि ऑपरेशन लोटस चलाने वाले चुप बैठे हैं और उन्होंने कांग्रेस विधायकों आगे कर रखा है।
कार्यवाही
3 अक्टूबर तक बढ़ाया गया विधानसभा का विशेष सत्र
सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई। इसके बाद दिवगंत नेताओं के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।
स्पीकर संधवान ने कहा कि हाउस बिजनेस एडवाइजरी कमेटी ने 3 अक्टूबर तक सत्र बढ़ाने का फैसला किया है। ऐसे में यह सत्र आगे बढ़ाया जा रहा है।
इससे पहले विधानसभा सत्र को लेकर राजभवन और AAP सरकार के बीच कई दिनों तक खींचतान के बाद राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने 27 सितंबर को सत्र बुलाने की मंजूरी दी थी।
विश्वास प्रस्ताव
AAP ने क्यों पेश किया है विश्वास प्रस्ताव?
117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में आम आदमी पार्टी (AAP) के 92 विधायक हैं। हालांकि, पार्टी का दावा है कि भाजपा और इसका सेंट्रल हाईकमान राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है।
AAP ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने उसके 10 विधायकों से संपर्क कर उन्हें पंजाब सरकार को गिराने के लिए 25 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था।
इसको देखते हुए मुख्यमंत्री मान ने विश्वास प्रस्ताव लाने का निर्णय किया था।