अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं किया जा सकता- गुलाम नबी आजाद
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने आज राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि यह वापस नहीं आएगा और अब इसे बहाल नहीं किया जा सकता।
उत्तर कश्मीर के बारामूला में रैली करते हुए उन्होंने ये बात कही। कांग्रेस से इस्तीफा देकर खुद की नई पार्टी बनाने का ऐलान करने के बाद ये उनकी कश्मीर में पहली रैली थी।
भाषण
रैली में आजाद ने क्या-क्या कहा?
जम्मू-कश्मीर की पार्टियों पर अनुच्छेद 370 की बहाली पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए आजाद ने रैली में कहा, "गुलाम नबी आजाद किसी को गुमराह नहीं करेगा। मैं वोटों के लिए आपको गुमराह नहीं करूंगा और किसी का शोषण नहीं करूंगा। 370 वापस नहीं आएगा। अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं किया जा सकता। 370 की बहाली के लिए संसद में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है। ऐसी कोई पार्टी नहीं है जो संसद में इतना बहुमत ला सके।"
बयान
वही बोलूंगा जो हासिल किया जा सकता है, चाहें चुनाव में नुकसान हो- आजाद
आजाद ने कहा, "शोषण की राजनीति ने कश्मीर में एक लाख लोगों की जान ली है और पांच लाख बच्चों को अनाथ किया है। मैं झूठ और शोषण के खिलाफ लड़ने के लिए जम्मू-कश्मीर आया हूं। मैं वही बोलूंगा जो हासिल किया जा सकता है, भले ही इससे मुझे चुनाव में नुकसान हो।"
उन्होंने कहा कि शोषण और झूठ की राजनीति से लड़ने के लिए वह आने वाले 10 दिन के अंदर अपनी पार्टी लॉन्च कर देंगे।
वादा
आजाद बोले- राज्य के दर्जे की बहाली के लिए लड़ेगी उनकी पार्टी
आजाद ने कहा कि वह ऐसी चीजों के लिए लड़ेंगे जो हासिल हो सकती हैं। इसमें उन्होंने राज्य के दर्जे की बहाली और स्थानीय लोगों की नौकरियों और जमीन की सुरक्षा आदि को शामिल किया।
उन्होंने कहा, "मैं सीटें जीतने के लिए खोखले नारे नहीं लगाऊंगा। हमें राज्य के दर्जे की बहाली के लिए लड़ना पड़ेगा। इसके लिए संवैधानिक संसोधन की जरूरत नहीं है।"
उन्होंने कहा कि दर्जा बहाल होने के बाद नौकरियों और जमीन को सुरक्षित किया जा सकेगा।
जानकारी
अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए अभियान चला रही हैं बाकी पार्टियां
बता दें कि अनुच्छेद 370 पर आजाद का रुख जम्मू-कश्मीर की ज्यादातर स्थानीय पार्टियों के विपरीत है। ये पार्टियां अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए एक साथ आई हैं और इसके लिए अभियान चलाया जा रहा है। इन पार्टियों में कांग्रेस भी शामिल है।
इस्तीफा
आजाद ने 26 अगस्त को दिया था कांग्रेस से इस्तीफा
शीर्ष नेतृत्व से नाराज चल रहे गुलाम नबी ने 26 अगस्त को कांग्रेस से इस्तीफा दिया था।
सोनिया गांधी को भेजे गए अपने इस्तीफे में उन्होंने राहुल गांधी के कामकाज करने के तरीके पर गंभीर सवाल उठाए थे।
उन्होंने कहा था कि राहुल ने पार्टी का खाका नष्ट कर दिया है और अनुभवी नेताओं का साइडलाइन कर बिना अनुभव वाले नेताओं को तवज्जो दी गई।
इसके बाद उन्होंने 4 सितंबर को नई पार्टी बनाने का ऐलान किया।
अनुच्छेद 370
न्यूजबाइट्स प्लस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था।
इसके अलावा जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीनते हुए इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, में बांटने का फैसला भी लिया गया था।
अनुच्छेद 370 का सबसे अहम प्रभाव ये था कि बाहरी लोग यहां जमीन नहीं खरीद सकते थे और बाहरी लोगों के पास वोटिंग का अधिकार नहीं था।