आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए कन्हैया कुमार पर केस दर्ज
क्या है खबर?
बिहार के बेगूसराय से चुनाव लड़ रहे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर शुक्रवार को आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए FIR दर्ज की गई है।
जिले के मंसूरचक पुलिस थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
कन्हैया पर आरोप है कि उन्होंने प्रशासन से अनुमति लिए बिना एक जनसभा का आयोजन किया।
इससे पहले उन्होंने जन-सहयोग के जरिए अपने चुनाव अभियान के लिए 31 लाख रुपये इकट्ठे किए थे।
बयान
कन्हैया ने बिना इजाजत आयोजित की जनसभा
मंसूरचक थाने के SHO अरविंद कुमार ने बताया कि इलाके के BDO शत्रुघ्न रजक की शिकायत के आधार पर FIR दर्ज की गई है। कन्हैया पर आरोप है कि उन्होंने जिले के एक गांव में प्रशासन से इजाजत लिए बिना एक जनसभा आयोजित की।
मुकाबला
कठिन है कन्हैया की चुनावी राह
केंद्र सरकार के कट्टर आलोचक कन्हैया बेगूसराय से CPI के टिकट पर अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है और उनका मुकाबला केंद्रीय मंत्री और भाजपा उम्मीदवार गिरिराज सिंह और RJD के तनवीर हसन से होगा।
बता दें कि CPI को महागठबंधन में जगह नहीं दी गई है।
चुनाव में कन्हैया की राह काफी कठिन मानी जा रही है।
बता दें कि वह बेगूसराय के ही रहने वाले हैं।
चुनावी खर्च
चुनाव लड़ने के लिए चंदा इकट्ठा कर रहे हैं कन्हैया
कन्हैया चुनाव के लिए लोगों से पैसा इकट्ठा कर रहे हैं और वह अब तक 31 लाख रुपये इकट्ठा कर चुके हैं।
अब तक देशभर से 2400 से अधिक लोग उन्हें पैसे भेज चुके हैं।
एक पूर्व प्रकाशक ने उन्हें सबसे ज्यादा 5 लाख रुपये का चंदा दिया है और करीब 1500 लोगों ने 100-150 रुपये के बीच चंदा दिया है।
चंदा इकट्ठा करने वाली संस्था 'आर डेमोक्रेसी' द्वारा किया जा रहा है।
डाटा
JNU विवाद से चर्चित हुए थे कन्हैया
कन्हैया 9 फरवरी 2016 को JNU में लगे देश विरोधी नारों के बाद पहली बार चर्चा में आए थे। दिल्ली पुलिस ने उन्हें नारे में शामिल होने का आरोपी मानते हुए गिरफ्तार किया गया था। हालांकि ये आरोप अभी तक साबित नहीं हो पाए हैं।
चंदा
पहले ही दिन कन्हैया का मिला था 30 लाख का चंदा
संस्था के मुताबिक, कन्हैया को पहले ही दिन 30 लाख रुपये का चंदा हासिल हुआ था।
लेकिन इसके बाद बीच में कुछ समय के लिए वेबसाइट डाउन रही, जिसे अब फिर से शुरु किया गया है।
70 लाख का चंदा मिलने पर इस अभियान को बंद कर दिया जाएगा।
चुनाव आयोग किसी भी एक प्रत्याशी को इससे ऊपर खर्चा करने की इजाजत नहीं देता है।
बता दें कि बेगूसराय में 29 अप्रैल को चौथे चरण में मतदान होगा।