दिल्ली: ढाई महीने में 76 लापता बच्चों का पता लगाने वाली हेड कांस्टेबल को मिला प्रमोशन
क्या है खबर?
दिल्ली पुलिस द्वारा लापता बच्चों को ढूंढकर परिजनों से मिलाने के लिए चलाई जा रही बारी से पहले तरक्की (आउट ऑफ टर्न प्रमोशन) की पहल का पहला लाभ एक महिला हेड कांस्टेबल को मिला है।
दरअसल, महिला हेड कांस्टेबल ने करीब ढाई महीने यानी 75 दिन में 76 लापता बच्चों को ढूंढकर उनके परिजनों से मिलाया है।
उसकी कार्य निष्ठा और ईमानदारी को देखते हुए उच्चाधिकारियों ने उसे पहल के तहत प्रमोशन देते हुए सहायक उप निरीक्षक (ASI) बनाया है।
पहल
दिल्ली पुलिस ने अगस्त में शुरू की थी पहल
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता डॉ ईश सिंघल ने बताया कि 5 अगस्त को पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने लापता बच्चों को ढूंढने वाले कांस्टेबल और हेड कांस्टेबलों को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देने की घोषणा की थी।
इसके तहत कांस्टेबल या हेड कांस्टेबल के एक वर्ष में 14 वर्ष से कम उम्र के 50 बच्चों को ढूंढने पर प्रमोशन दिया जाता है। इसमें शर्त है की ढूंढे गए बच्चों में से 15 की उम्र आठ साल से कम होनी चाहिए।
सफलता
महिला हेड कांस्टेबल ने हासिल की सफलता
प्रवक्ता सिंघल ने बताया कि समयपुर बादली थाने में तैनात महिला हेड कांस्टेबल सीमा ढाका ने लापता बच्चों को ढूंढने के लिए अभियान चलाया था। ऐसे में उसने महज 75 दिन में 76 लापता बच्चों को ढूंढकर उनके परिवारों से मिलवा दिया। ढूंढे गए 76 बच्चों में से 56 बच्चे 14 साल से कम उम्र के हैं।
उन्होंने बताया कि लापता बच्चों को न केवल दिल्ली, बल्कि अन्य राज्यों जैसे पंजाब और पश्चिम बंगाल से खोजा गया है।
जानकारी
आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाने वाली पहली महिला पुलिसकर्मी
प्रवक्ता सिंघल ने बताया कि हेड कांस्टेबल से ASI बनी सीमा ढाका दिल्ली पुलिस की पहल के तहत सबसे पहले आउट ऑफ टर्न प्रमोशन हासिल करने वाली पहली महिला पुलिसकर्मी बन गई है। उसने अन्य पुलिसकर्मियों को भी मेहनत के लिए प्रेरित किया है।
हकीकत
दिल्ली पुलिस ने दर्ज रिपोर्ट से अधिक लापता बच्चों को ढूंढा
प्रवक्ता सिंघल ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने इस साल लापता बच्चों को ढूंढ निकालने में बड़ी सफलता हासिल की है।
यही कारण है कि पुलिस ने थानों में दर्ज रिपोर्ट से अधिक संख्या में लापता बच्चों का पता लगाकर उनके परिवार वालों तक पहुंचाया है।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने 7 अगस्त के बाद से कुल 1,440 लापता बच्चों का पता लगाया है, जबकि दिल्ली के थानों में बच्चों की गुमशुदगी की महज 1,222 रिपोर्ट ही दर्ज हुई थी।
सफलता
प्रमोशन की घोषणा ने पुलिस के लगाए पंख
दिल्ली पुलिस की ओर से लापता बच्चों की बरामदगी पर आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिए जाने की घोषणा ने पुलिस के पंख लगा दिए हैं।
यही कारण है कि दिल्ली में साल 2019 में लापता हुए कुल 5,412 बच्चों में से महज 62 प्रतिशत यानी 3,336 बच्चों का ही पता लगाया गया था, लेकिन साल 2020 में अक्टूबर तक लापता हुए कुल 3,507 बच्चों में से 74.96 प्रतिशत यानी 2,629 बच्चों को ढूंढकर उनके घरवालों तक पहुंचाया जा चुका है।