अग्निवीरों को भाजपा कार्यालय में नौकरी देने के बयान पर घिरे कैलाश विजयवर्गीय, हावी हुआ विपक्ष
केंद्र सरकार द्वारा सेना में युवाओं की अल्पावधि भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना का देश के कई राज्यों में जोरदार विरोध हो रहा है। इसी बीच भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने योजना के तहत भर्ती होने वाले अग्निवीरों को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वह भाजपा कार्यालय की सुरक्षा में भी अग्निवीरों को प्राथमिकता देंगे। उनके इस बयान पर विपक्षी नेताओं ने विरोध जताते हुए निशाना साधा है।
विजयवर्गीय ने क्या दिया था बयान?
इंदौर में अग्निपथ योजना की खास बातें समझाने के दौरान विजयवर्गीय ने कहा, "चाइना एवं फ्रांस में कांट्रैक्ट बेसिस पर सेना में भर्ती होती है। हमारे यहां सेना से रिटायर होने की आयु ज्यादा है। उसे कम करने का सरकार ने फैसला लिया है।" उन्होंने कहा, "जब अग्निवीर सेना से का तमगा लेकर रिटायर होंगे और मुझे इस भाजपा कार्यालय में सिक्योरिटी (सुरक्षा गार्ड) रखना होगा तो मैं अग्निवीर को ही प्राथमिकता दूंगा।"
"फौजी पर देश के लोगों को पूरा भरोसा"
विजयवर्गीय ने कहा, "मेरे एक मित्र ने सेना के जवान को सिक्योरिटी पर रखा और उसे ड्राइविंग भी सिखाई। मित्र को उसके होने से पत्नी और बच्चों की चिंता नहीं होती है। फौजी का मतलब होता है आत्मविश्वास। फौजी पर देश को पूरा भरोसा है।"
यहां देखें कैलाश विजयवर्गीय का बयान (वीडियो: Twitter/@ANI )
कांग्रेस ने साधा भाजपा पर निशाना
इसी तरह कांग्रेस पार्टी की तरफ से भी ट्वीट कर भाजपा पर निशाना साधा गया है। कांग्रेस ने ट्वीट में लिखा, 'भाजपा के नेता कैलाश विजयवर्गीय ने अग्निपथ योजना को लेकर सभी संशयों को दरकिनार कर दिया है। दिल्ली में कांग्रेस का सत्याग्रह ऐसी ही मानसिकता के खिलाफ है।' वहीं शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि विजयवर्गीय की टिप्पणी ने देश में सभी वर्दी वालों के महत्व को कम कर दिया है।
अरविंद केजरीवाल ने बयान पर जताई आपत्ति
विजयवर्गीय के इस बयान पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ''देश के युवाओं और सेना के जवानों का इतना अपमान मत करो। हमारे देश के युवा दिन-रात मेहनत करके फिजिकल पास करते हैं, टेस्ट पास करते हैं, क्योंकि वो फौज में जाकर पूरा जीवन देश की सेवा करना चाहते हैं, इसलिए नहीं कि वो भाजपा के दफ्तर के बाहर गार्ड लगना चाहते हैं।'
आवैसी ने भी बोला सरकार पर हमला
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी मामले में सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया, 'भाजपा नेता सैनिकों को चौकीदार के तौर पर अपने ऑफिस में रखने की बात कह रहे हैं। एक सम्मानित नौकरी करने वाले सैनिकों को मोदी की पार्टी यही इज्जत देती है? अफसोस है कि देश की सरकार में इस तरह की पार्टी है।' इसके अलावा पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी बयान पर विरोध जताया है।
विरोध के बाद विजयवर्गीय ने बयान पर दी सफाई
मामले में विवाद बढ़ने के बाद विजयवर्गीय ने सफाई देने में भी देर नहीं लगाई। उन्होंने ट्वीट किया, 'अग्निपथ योजना से निकले अग्निवीर निश्चित तौर पर प्रशिक्षित एवं कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्ध होंगे। सेना में सेवाकाल पूर्ण करने के बाद वह जिस भी क्षेत्र में जायेंगे वहां उनकी उत्कृष्टता का उपयोग होगा। मेरा आशय स्पष्ट रूप से यही था। टूलकिट से जुड़े लोग मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करते हुए कर्मवीरों का अपमान करने की कोशिश कर रहे हैं।'
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं, थल सेना, वायुसेना और नौसेना, के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। उन्हें चार साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलेगा। इसके बाद योग्यता, इच्छा और मेडिकल फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाएगा। इस योजना के खिलाफ देशभर में युवा सड़कों पर हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।