मध्य प्रदेश: कांग्रेस ने 'एक परिवार, एक टिकट' फॉमूले को किनारे किया, कई परिवारों को टिकट
आगामी 17 नवंबर को मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का मतदान होना है। इस चुनाव के लिए भाजपा और विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने लगभग सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। यहां कांग्रेस ने टिकट बंटबारे को लेकर अपने 'एक परिवार, एक टिकट' के नियम को धता बताते हुए कई परिवारों को एक से अधिक टिकट दिए हैं। इसके कारण पार्टी पर सवाल उठ रहे हैं।
क्या है 'एक परिवार, एक टिकट' नियम?
पिछले साल मई में राजस्थान के उदयपुर में आयोजित कांग्रेस के 3 दिवसीय चिंतन शिविर (मंथन सत्र) में पार्टी के अंदर व्यापक सुधारों पर सहमति बनी थी। इनमें से एक 'एक परिवार, एक टिकट' था। इसके तहत एक परिवार के एक ही सदस्य को टिकट मिलेगी। इस बदलाव का मकसद पार्टी की परिवारवाद की छवि से छुटकारा पाना और युवाओं को मौका देना था। हालांकि, इस नियम में कुछ छूट भी दी गई थीं।
मध्य प्रदेश में किन परिवारों में दिए गए 1 से अधिक टिकट?
मध्य प्रदेश से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह के परिवारों में 3-3 टिकट दिए गए हैं। पार्टी ने दिग्विजय के बेटे जयवर्धन सिंह, उनके भाई लक्ष्मण सिंह और उनके भतीजे प्रियव्रत सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। इसी तरह नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, उनकी रिश्तेदार चंदा रानी गौड़ और भतीजे राहुल सिंह भदौरिया को कांग्रेस ने टिकट दिया है। राहुल का ये पहला चुनाव है।
अन्य किन परिवारों में 1 से अधिक लोगों को दिया गया टिकट?
कांग्रेस ने दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह और उनके बहनोई राजेंद्र सिंह को भी टिकट दिया है। सेना पटेल और उनके बहनोई मुकेश पटेल भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा पूर्व कांग्रेस विधायक मनीष जोशी के बेटे दीपक पिंटू जोशी, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया और वरिष्ठ नेता प्रेम चंद गुड्डु की बेटी रीना बौरासी सेतिया को भी इस बार कांग्रेस ने टिकट दिया है।
कांग्रेस ने नियम का पालन नहीं करने का क्या कारण बताया?
मध्य प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने उदयपुर घोषणा में 'एक परिवार, एक टिकट' के फॉर्मूले में दी गई छूट के बारे में बताते हुए हिंदुस्तान टाइम्स से कहा कि अगर परिवार के सदस्यों ने कम से कम 5 साल तक पार्टी के लिए काम किया है तो ये नियम उनके ऊपर लागू नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इसी आधार पर दीपक पिंटू, राहुल भदौरिया, रीना बौरासी और विक्रांत भूरिया को टिकट दिया गया है।
नियम में बदलाव पर भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना
भाजपा ने नियमों में बदलाव पर कांग्रेस पर निशाना साधा है। पार्टी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा, "भाजपा हमेशा भाई-भतीजावाद के खिलाफ है और हम कांग्रेस की तरह नहीं हैं, जो नियम बदल दें।" भाजपा मध्य प्रदेश में 'एक परिवार, एक टिकट' के सिद्धांत पर कायम है। यहां पार्टी ने कैलाश विजयवर्गीय, गोपाल भार्गव, मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, नरोत्तम मिश्रा और पूर्व विधायक जयंत मलैया को उम्मीदवार बनाया है, जबकि उनके बेटों को टिकट नहीं दिया है।
नवंबर में मध्य प्रदेश समेत 5 राज्यों में होने हैं विधानसभा चुनाव
नवंबर में देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में एक चरण, जबकि छत्तीसगढ़ में 2 चरण में चुनाव होंगे। सबसे पहले 7 नवंबर को मिजोरम में मतदान होगा। इसी दिन छत्तीसगढ़ में पहले चरण का मतदान होगा। 17 नवंबर को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण का मतदान होगा। राजस्थान में 23 नवंबर और तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होगा। सभी राज्यों के चुनाव नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे।