आज शाम छह बजे हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार, सरकार ने बनाया नया मंत्रालय
सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए नए मंत्रालय के गठन, राज्यपालों के तबादले और नई नियुक्तियों ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिमंडल विस्तार का रास्ता साफ कर दिया है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि आज शाम छह बजे मोदी सरकार मंत्रिमंडल विस्तार कर सकती है और यह अब तक का सबसे युवा मंत्रिमंडल होगा। इसके लिए संभावित मंत्रियों को दिल्ली बुला लिया गया है।
मंत्रिमंडल में दो दर्जन से अधिक मंत्रियों के लिए जगह
नियमों के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रिमंडल में 81 मंत्री हो सकते हैं। बीते दिन थावरचंद गहलोत को राज्यपाल बनाने के बाद मंत्रिमंडल के मौजूदा सदस्यों की संख्या 52 रह गई है। ऐसे में अभी दो दर्जन से अधिक मंत्रियों के लिए पद खाली हैं। मंत्रिमंडल विस्तार के वक्त अगले साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, गोवा, मणिपुर और गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों के समीकरणों के साथ-साथ सामाजिक संतुलन का भी ध्यान रखा जाएगा।
गहलोत को बनाया गया राज्यपाल
मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 83 वर्षीय थावर चंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त किया था। वो केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री के रूप में कार्यरत थे। उनके राज्यपाल बनने का मतलब है कि सरकार को एक नए दलित चेहरे की तलाश करनी होगी। लोक जनशक्ति पार्टी के रामविलास पासवान के निधन के बाद गहलोत मंत्रिमंडल में सबसे बड़े चेहरे थे। सूत्रों ने बताया कि इस बार ज्यादा महिलाओं को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है।
प्रशासनिक अनुभव वाले चेहरों को दी जाएगी जगह
सूत्रों का कहना है कि पूर्व नौकरशाह रह चुके और प्रशासन का अनुभव रखने वाले सांसदों को मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी। साथ ही हर राज्य और बुंदेलखंड, पूर्वांचल और कोंकण जैसे क्षेत्रों से भी प्रतिनिधियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा।
सरकार ने बनाया नया मंत्रालय
मंत्रिमंडल विस्तार से पहले मंगलवार को केंद्र सरकार ने एक मंत्रालय का गठन किया था। 'सहकार से समृद्धि' के नजरिये के साथ सरकार ने सहकारिता मंत्रालय का गठन किया है। यह मंत्रालय सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए अलग प्रशासनिक, कानूनी, नीतिगत ढांचा उपलब्ध कराने का काम करेगा। वित्त मंत्री की तरफ से बजट में अलग सहकारिता मंत्रालय काे लेकर घोषणा की गई थी। यह मंत्रालय सहकारी समितियों को जमीनी स्तर तक पहुंचने में मदद करेगा।
इन नामों का मंत्रिमंडल में शामिल होना तय
कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया और असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को कैबिनेट में शामिल किया जाना तय माना जा रहा है। सिंधिया की बगावत के चलते मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिरी थी और वहां भाजपा दोबारा सत्ता में लौटने में कामयाब हुई थी। वहीं सोनोवाल ने हेमंत बिस्वा शर्मा के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ी थी। कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्रीय नेतृत्व उन्हें इसका ईनाम दे सकता है।
जदयू ने दिए मंत्रिमंडल में शामिल होने के संकेत
बिहार में भाजपा के सहयोग से सरकार चला रही नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) मंत्रिमंडल में शामिल हो सकती है। 2019 में जदयू को महज एक मंत्रीपद दिया जा रहा था, जिसे नीतीश कुमार ने ठुकरा दिया था। उनकी मांग है कि उनकी पार्टी से कम से कम दो नेताओं को केंद्रीय मंत्रालय सौंपे जाएं। बताया जा रहा है कि लल्लन सिंह, रामनाथ ठाकुर और संतोष कुशवाह जदयू की तरफ से मंत्रीपद की रेस में शामिल हैं।
इन नामों की भी हो रही चर्चा
ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा पश्चिम बंगाल से जगन्नाथ सरकार और शांतनु ठाकुर, उत्तराखंड से अनिल बलूनी या अजय भट्ट, कर्नाटक से प्रताप सिन्हा, राजस्थान से राहुल कस्वां, हरियाणा से बृजेंद्र सिंह, ओडिशा से अश्विनी वैष्णव, महाराष्ट्र में पूनम महाजन और दिल्ली से मीनाक्षी लेखी या प्रवेश वर्मा को मंत्री बना सकती है। इनके अलावा वरुण गांधी, रामशंकर कठारिया, रीता बहुगुणा जोशी और जफर इस्लाम को भी केंद्रीय मंत्रालय सौंपे जा सकते हैं।