राहुल गांधी पर जर्मनी की टिप्पणी: भाजपा ने कांग्रेस पर लगाया 'विदेशी हस्तक्षेप' चाहने का आरोप
भाजपा ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह पर भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करने का आरोप लगाया। भाजपा नेताओं की यह प्रतिक्रिया राहुल को सूरत की अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने और उनकी सासंदी रद्द किये जाने पर जर्मन विदेश मंत्रालय की टिप्पणी के बाद आई है। दरअसल, दिग्विजय ने जर्मन विदेश मंत्रालय को उसकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद कहा था।
क्या है मामला?
बुधवार को जर्मन विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा था कि वे उम्मीद करते हैं कि राहुल पर कार्रवाई करते समय न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक अधिकारों को ध्यान रखा जाएगा। इसे लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय ने एक ट्वीट किया, 'राहुल पर सरकार का अत्याचार यह दिखा रहा है कि भारत में किस तरह लोकतंत्र से समझौता किया जा रहा है। इस ओर ध्यान देने के लिए जर्मनी के विदेश मंत्रालय और रिचर्ड वॉकर का धन्यवाद।'
दिग्विजय सिंह का ट्वीट
भाजपा नेता बोले- आतंरिक मामलों में विदेश हस्तेक्ष चाहती है कांग्रेस
कांग्रेस नेता दिग्विजय के टिप्पणी को लेकर भाजपा नेताओं ने उनके और कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लिखा, 'यह स्पष्ट है कि कांग्रेस हमारे मामलों में विदेशी हस्तक्षेप चाहती है।' केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू लिखा, 'भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करने के लिए राहुल का धन्यवाद, लेकिन भारतीय न्यायपालिका विदेशी हस्तक्षेप से प्रभावित नहीं हो सकती है।'
कांग्रेस की टिप्पणी उसकी राजनीतिक हताशा दर्शाती है- भाजपा नेता
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने ट्विटर पर लिखा, 'राहुल के मामले पर जर्मनी और अमेरिका की टिप्पणी पर कांग्रेस का धन्यवाद नोट उसकी राजनीतिक हताशा को दर्शाता है। भारत के मतदाताओं द्वारा खारिज की गई कांग्रेस अब विदेशी शक्तियों से मदद की उम्मीद करती है, यही दुखद सच्चाई है' भाजपा IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी ट्वीट करते हुए कहा, 'यह लोगों की इच्छा और भारत की संप्रभुता को कमजोर करने का एक निर्लज्ज प्रयास है।'
भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर साधा निशाना
जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने क्या कहा था?
जर्मनी के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने राहुल की सदस्यता रद्द किये जाने को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था, "हमें इस बात की जानकारी है कि राहुल अभी इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं। इस अपील के बाद ये स्पष्ट हो जाएगा कि क्या यह फैसला कायम रहेगा, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि इस कार्रवाई में न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांतों का ध्यान रखा जाएगा।"
क्यों रद्द हुई राहुल की लोकसभा सदस्यता?
राहुल ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में सभी चोरों के सरनेम मोदी होने की टिप्पणी की थी। इसके खिलाफ सूरत में भाजपा विधायक ने मानहानि का केस दायर किया था। सूरत की एक कोर्ट ने राहुल को मानहानि का दोषी पाते हुए 2 साल की जेल और 15,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके एक दिन बाद ही लोकसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर राहुल की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी थी।