बिहार विधानसभा चुनाव: JDU और भाजपा में 50:50 फॉर्मूले के तहत सीटों का समझौता- रिपोर्ट
क्या है खबर?
महागठबंधन के बाद अब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) की पार्टियों के बीच भी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गई है। NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, NDA की दो बड़ी पार्टियों- भाजपा और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बीच लगभग 50:50 फॉर्मूले के तहत सीट बंटवारे का समझौता हुआ है।
दोनों पार्टियां गठबंधन के बाकी सहयोगियों को अपने हिस्से की सीटों से सीटें देंगी। जल्द ही इस समझौते का आधिकारिक ऐलान किया जा सकता है।
समझौता
JDU को 122 तो भाजपा को 121 सीटें
रिपोर्ट के अनुसार, सीट बंटवारे के फॉर्मूले के तहत बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 122 सीटें JDU को और 121 सीटें भाजपा को मिली हैं।
JDU अपने खाते की सीटों में से कुछ सीटें जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) को देगी, वहीं भाजपा रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को सीटें देगी।
मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही NDA के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे और इसका ऐलान पहले ही किया जा चुका है।
समस्याएं
NDA में सब कुछ ठीक नहीं
बता दें कि बिहार के सत्तारूढ़ NDA में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और LJP के चिराग पासवान लगातार नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं। हालांकि वह भाजपा से गठबंधन तोड़ना नहीं चाहते और इसी कारण NDA में बने हुए हैं।
नीतीश पर निशाना साधते हुए उन्होंने ये भी कहा था कि भाजपा जिसे भी चुनेगी, वह मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर उसे स्वीकार कर लेंगे।
महागठबंधन
कल महागठबंधन ने किया था सीट समझौते का ऐलान
गौरतलब है कि कल ही महागठबंधन ने भी अपने सीटों के बंटवारे का ऐलान किया था। इस समझौते के तहत राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सबसे अधिक 144 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, वहीं 70 सीटें कांग्रेस के खाते में गई हैं।
इसके अलावा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) को चार सीटें, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) को छह सीटें और CPI मार्क्सवादी-लेनिनवादी (CPML) को 19 सीटें दी गई हैं।
गठबंधन में शामिल अन्य पार्टियों को RJD अपने हिस्से से सीटें देगी।
विधानसभा चुनाव
बिहार में तीन चरणों में होने हैं चुनाव
बता दें कि बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर 28 अक्टूबर से 7 नवंबर के बीच तीन चरणों में वोटिंग होनी है और चुनावों का नतीजा 10 नवंबर को आएगा।
कोरोना वायरस महामारी के बाद देश में ये पहला चुनाव होगा और इसलिए संक्रमण से बचाव के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ा दी गई है और किसी भी मतदान केंद्र पर एक बार में 1,000 से अधिक लोग ही इकट्ठा हो सकेंगे।