नियमों से चलेगा सदन, नहीं होगी धार्मिक नारों की इजाजत- लोकसभा स्पीकर ओम बिरला
लोकसभा में सांसदों द्वारा शपथ लेते समय लगाए गए धार्मिक नारों को लेकर चर्चा जारी है। इसे लेकर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि वो सदन में ऐसे नारों की इजाजत नहीं देंगे। हिंदुस्तान टाइम्स के साथ एक इंटरव्यू में बिरला ने कहा कि सदन नारे लगाने, प्लेकार्ड दिखाने और वेल में आकर हंगामा करने की जगह नहीं है। इसके लिए एक निर्धारित स्थान हैं, जहां विरोध-प्रदर्शन कर सकते हैं। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
जब धार्मिक नारों का अखाड़ा बनी लोकसभा
लोकसभा सांसदों के शपथ ग्रहण के दौरान धर्म की पहचान बताने का अखाड़ा बन गई। कई सांसदों ने नियमों के विरुद्ध जाकर शपथ लेने के बाद धार्मिक पहचान से जुड़े नारे लगाए। सदन में जबरदस्त टोका-टोकी और हंगामे के बीच 'जय श्री राम', 'अल्लाह-हू-अकबर', 'जय मां काली' 'राधे-राधे' आदि के नारे लगे। जब असदुद्दीन ओवैसी शपथ लेने आए तो भाजपा सांसदों ने 'जय श्री राम' के नारे लगाए। जवाब में उन्होंने 'जय हिन्द' और 'अल्लाह-हू-अकबर' का नारा लगाया।
भारतीय इतिहास में संभवतः पहला मौका
शपथ ग्रहण के दौरान प्रोटेम स्पीकर को दर्जनों बार शपथ के अतिरिक्त कोई और बात रिकार्ड में न डालने की बात दोहरानी पड़ी। लोकसभा के इतिहास का यह संभवत: पहला मौका था जब इतनी बड़ी संख्या में सांसद धार्मिक नारे लगाते दिखे।
नियमों से चलेगा सदन- स्पीकर बिरला
जब उनसे पूछा गया कि क्या वोे इस बात का भरोसा दे सकते हैं कि सदन में दोबार ऐसा नजारा नहीं देखने को मिलेगा तो उन्होंने कहा कि वो संसद को नियमों से चलाने की कोशिश करेंगे। सदन में धार्मिक नारे लगने की बात पर उन्होंने कहा कि बहस के दौरान स्थिति अलग होती है। उन्होंने कहा कि जय श्री राम, जय भारत, वंदे मातरम सब पुराने मामले हैं।
लोकसभा में कांग्रेस नेता ने भी उठाया नारों का मुद्दा
बुधवार को लोकसभा में अपने भाषण में कांग्रेस नेता सदन अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "मुझे नहीं लगता यह बहु-दलीय लोकतंत्र की भावना है।" इस बारे में बात करते हुए बिरला ने कहा कि संसद लोकतंत्र का मंदिर है। यह मंदिर हमेशा संसदीय नियमों से चलता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने सभी पार्टियों से निवेदन किया है कि डेकोरम को बनाए रखे। भारत का लोकतंत्र दुनिया में सबसे बड़ा है और भारत को दुनिया के सामने मिसाल पेश करनी चाहिए।
सबकों चौंकाकर स्पीकर बने हैं ओम बिरला
लोकसभा स्पीकर पद के लिए कोटा-बूंदी से सांसद ओम बिरला का नाम सबको चौंकाने वाला साबित हुआ। उन्होंने इस प्रतिष्ठित पद पर सुमित्रा महाजन की जगह ली है। बतौर सांसद यह उनका दूसरा कार्यकाल है और वो तीन बार राजस्थान विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। अगले पांच साल संसद का निचला सदन चलाने में उनकी भूमिका सबसे अहम होगी। महज 17 साल की उम्र से सार्वजनिक जीवन में उतरने वाले बिड़ला का जन्म 23 नवंबर, 1962 को हुआ था।