अमरिंदर सिंह ने किया नई पार्टी बनाने का ऐलान, भाजपा के साथ कर सकते हैं समझौता
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि वह अपनी नई पार्टी बनाएंगे। वे जल्द ही इसे लॉन्च करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसानों के पक्ष में फैसला होता है तो वह भाजपा के साथ गठबंधन भी कर सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने अकाली दल से अलग होने वाले समान विचार वाले गुटों से समझौते की इच्छा भी जाहिर की।
पंजाब के भविष्य की लड़ाई शुरू हुई- अमरिंदर
अमरिंदर के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने उनके हवाले से कहा, 'पंजाब के भविष्य की लड़ाई शुरू हो गई है। पंजाब और इसके लोगों के हितों की सेवा करने के लिए जल्द ही अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी का ऐलान करूंगा। इनमें पिछले एक साल से अस्तित्व के लिए लड़ रहे हमारे किसान भी शामिल हैं।' उन्होंने भाजपा और अकाली दल के ढींडसा और ब्रह्मपुरा गुटों के साथ समझौते की इच्छी भी जताई।
कांग्रेस ने कहा- भाजपा और अकाली दल से मिले हुए हैं अमरिंदर
बता दें कि अमरिंदर सिंह तकनीकी तौर पर अभी भी कांग्रेस में हैं, लेकिन पार्टी छोड़ने का ऐलान कर चुके हैं। उनके अलग पार्टी बनाने का ऐलान करने के बाद कांग्रेस ने उन पर निशाना साधा है।। राज्य सरकार में मंत्री परगट सिंह ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैं पहले ही कह चुका हूं कि कैप्टन भाजपा और अकाली दल के साथ मिले हुए हैं। उन्हें भाजपा से एजेंडा मिलता था।"
कांग्रेस हाईकमान ने किया था अमरिंदर को इस्तीफा देने पर मजबूर
गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस में खींचतान के बीच कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने 18 सितंबर को अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया था। उनका पिछले काफी समय से नवजोत सिंह सिद्धू से झगड़ा चल रहा था। इस्तीफा देते हुए अमरिंदर ने कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया था। उन्होंने पहले ही साफ कर दिया था कि वे अपने लिए नए राजनीतिक विकल्प तलाशेंगे।
अमित शाह से मिले थे अमरिंदर, लगाए गए थे भाजपा में शामिल होने के कयास
पूरे घटनाक्रम के बीच अमरिंदर सिंह ने 29 सितंबर की शाम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर पहुंचकर सबको चौंका दिया था। उन्होंने करीब एक घंटे तक शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद उनके भाजपा में शामिल होने के कयास तेज हो गए थे। कई मीडिया रिपोर्टों में उन्हें राज्यसभा सांसद बनाकर केंद्र में मंत्रालय दिए जाने या कृषि मंत्री बनाने की संभावना जताई थी, लेकिन बाद में उन्होंने सभी रिपोर्टों को खारिज कर दिया था।