राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में बयान देने पर खड़गे, केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज
क्या है खबर?
नए संसद भवन के उद्घाटन के संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जाति को लेकर आपत्तिजनक बयान देने के आरोप में कई नेताओं के खिलाफ दिल्ली में शिकायत दर्ज की गई है।
इन नेताओं में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हैं।
गौरतलब है कि विपक्ष के कई नेता नई संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी की जगह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करवाने की मांग कर रहे हैं।
शिकायत
किसने दर्ज करवाई है शिकायत?
सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने खड़गे, केजरीवाल और अन्य नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। उन्होंने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर से इन नेताओं के खिलाफ विभिन्न धाराओं में FIR दर्ज की मांग भी की है।
उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि इन नेताओं ने अपने बयानों के जरिए जानबूझकर समाज के दो वर्गों के बीच वैमनस्य की भावना को भड़काने के साथ-साथ सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान भी किया है।
बयान
खड़गे बोले थे- चुनावी फायदों के लिए हुआ दलित-आदिवासी राष्ट्रपतियों का चुनाव
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा था कि मोदी सरकार ने केवल चुनावी फायदों के लिए दलित और आदिवासी समुदायों से भारत के राष्ट्रपति का चुनाव किया है।
उन्होंने ट्वीट किया था, 'पूर्व राष्ट्रपति कोविंद को नई संसद के शिलान्यास समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था और वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए नहीं बुलाया जा रहा है।'
उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार में राष्ट्रपति का कार्यालय सिर्फ प्रतीक तक सिमट गया है।
बयान
केजरीवाल ने क्या कहा था?
केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था, 'राम मंदिर के शिलान्यास पर मोदी जी ने तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी को नहीं बुलाया, नए संसद भवन के शिलान्यास पर भी मोदी जी ने द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाया।'
उन्होंने आगे लिखा था, 'अब नए संसद भवन के उद्घाटन को भी मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों से नहीं करवा रहे हैं। देशभर का SC और ST समाज पूछ रहा है कि क्या हमें अशुभ माना जाता है, इसलिए नहीं बुलाते?'
बहिष्कार
विपक्षी पार्टियों ने किया है उद्घाटन के बहिष्कार का ऐलान
कांग्रेस समेत 20 से अधिक विपक्षी पार्टियों ने एकजुट होकर दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है।
विपक्षी पार्टियों ने कहा है कि उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए। विपक्ष ने उद्घाटन की तारीख वीर सावरकर की जयंती के दिन होने को लेकर भी सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा, " जब लोकतंत्र की आत्मा को ही संसद से निष्कासित कर दिया गया है तो हमें नई इमारत में कोई मूल्य नहीं दिखता।"