विश्व अंगदान दिवस: जानिए इस दिन को मनाने का कारण, महत्व और कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
क्या है खबर?
लोगों में अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 13 अगस्त को 'विश्व अंगदान दिवस' मनाया जाता है।
इसका उद्देश्य अंगदान के महत्व के बारे में जागरुकता बढ़ाना और लोगों को इसकी प्रक्रिया के बारे में शिक्षित करने का है।
यह क्रिया किसी जरूरतमंद की जिंदगी बचा सकती है, इसलिए यह दिन अंगदान करने वाले दानदाताओं को धन्यवाद देने का भी मौका है।
आइये आज इस दिवस के खास मौके पर इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बाते जानते हैं।
महत्व
क्या है महत्व?
किसी व्यक्ति का जीवन बचाने में अंगदान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अंगदान से अंग विफलता से पीड़ित लोगों को नया जीवन मिलता है।
यह दान किसी भी उम्र में किया जा सकता है बशर्ते वह HIV, कैंसर, हृदय या फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ित न हों।
ये दो प्रकार के दान होते हैं। पहला, जिसमें दाता जीवित रहता है और दूसरा, जिसमें दाता अपनी मृत्यु के बाद अंगदान करता है।
थीम
क्या है इस बार की थीम?
इस साल विश्व अंगदान दिवस की थीम 'स्वयंसेवक की ओर कदम बढ़ाएं; कमी को पूरा करने के लिए अधिक अंगदाताओं की जरूरत' है।
इस थीम का संदेश जनता से अंगदान की प्रतिज्ञा के महत्व पर जोर देने के वैश्विक आह्वान पर केंद्रित है।
बता दें कि वैश्विक स्तर पर और भारत जैसी विकासशील देशों में अंग की बढ़ती जरूरतों को रोकने में मृतदाता महत्वपूर्ण निभाते हैं।
एक मृतदाता 8 व्यक्तियों का जीवन बचा सकता है।
इतिहास
कैसे हुई शुरुआत?
जानकारी के मुताबिक, अमेरिका में साल 1954 में पहली बार अंगदान किया गया था।
उस समय रोनाल्ड ली हेरिक ने अपने जुड़वां भाई रिचर्ड को किडनी दान करके उन्हें नया जीवनदान दिया था।
दान की हुई किडनी का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण पहली बार डॉ जोसेफ मरे ने किया था।
इसके लिए डॉ सरे को साल 1990 में फिजियोलॉजी और मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था।
तथ्य
अंगदान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
ये हैं अंगदान से जुड़े तथ्य।
प्राकृतिक मृत्यु पर कॉर्निया, हड्डी और त्वचा के ऊतकों को दान कर सकते हैं।
हृदय, आंत, गुर्दे और फेफड़े जैसे अंगों को मस्तिष्क की मृत्यु के मामले में दान कर सकते हैं।
भारत में पंजीकृत अंगदाताओं की संख्या 3 प्रतिशत है।
अंगदान से जुड़ी कुछ गलत धारणाएं।
अंगदान करने से माता-पिता बनने में परेशानी होगी।
महिलाओं के अंग पुरुषों में प्रत्यारोपण नहीं हो सकते।
अंगदान करने से विकलांग होने का खतरा।
सूची
ये है दान किए जाने वाले अंगों की सूची
ये हैं जीवित दाताओं द्वारा दान किए जाने वाले अंगों के नाम-
1) एक किडनी
2) एक फेफड़ा
3) जिगर का एक भाग
4) अग्न्याशय का एक भाग
5) आंत का एक भाग
6) लीवर
7) ऊतक
ये हैं दाता की मृत्यु होने पर दान किए जाने वाले अंगों के नाम-
1) दो गुर्दे जिगर
2) दो फेफड़े
3) दिल
4) अग्न्याशय
5)आंत
6) हाथ और चेहरा