गर्मी में तैलीय त्वचा वाले लोग इन 5 सरल टिप्स के जरिए करें सनस्क्रीन का चुनाव
गर्मी में तेज धूप की किरणें हमारी त्वचा के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। इन किरणों के संपर्क में आने से टैनिंग, छिलती त्वचा आदि जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। इन परेशानियों से बचने के लिए त्वचा की देखभाल में सनस्क्रीन को जोड़ने की सलाह दी जाती है। हालांकि, तैलीय प्रकार की त्वचा वाले लोगों को सही सनस्क्रीन चुनने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। तैलीय त्वचा वाले लोग इन सरल टिप्स के जरिए सनस्क्रीन का चुनाव करें।
SPF की जांच करें
सूर्य संरक्षण कारक (SPF) रेटिंग सूरज से निकलने वाली अल्ट्रा वॉयलेंट (UV) किरणों को अवरुद्ध करने में सनस्क्रीन की प्रभावशीलता को अंकित करती है। अमेरिका फूड एंड ड्रग के अनुसार, अपनी त्वचा के हर खुले अंग पर ज्यादा SPF वाली सनस्क्रीन लगानी चाहिए, खासकर तब जब धूप का प्रकोप अधिक हो। तैलीय प्रकार की त्वचा वाले लोगों को 40 या उससे ज्यादा SPF वाली सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए। जानें- सनस्क्रीन से जुड़े कुछ भ्रमों की सच्चाई।
मैट सनस्क्रीन चुनें
तैलीय त्वचा के लिए सनस्क्रीन की तलाश करते समय उन उत्पादों पर विचार करना जरूरी है, जो सूर्य संरक्षण और तेल नियंत्रण के बीच संतुलन प्रदान करते हों। तैलीय त्वचा पर ज्यादा तेल को कम करने के लिए SPF 55 और मैट फिनिश वाली सनस्क्रीन का चयन करें। रास्पबेरी अर्क, एवोकाडो तेल, गाजर का अर्क, और विटामिन E जैसी सामग्रियों वाली सनस्क्रीन आपको मैट लुक दे सकती हैं। इसको लगाने से आपका चेहरा और त्वचा चिपचिपी नहीं होगी।
सनस्क्रीन में इस्तेमाल सामग्रियों की जांच करें
अपनी त्वचा के अनुसार सनस्क्रीन चुनने से पहले जरूरी है कि आप उसमें इस्तेमाल की गई सामग्रियों को अच्छी तरह जांचें और उनके बारे में जानें। ऐसा करने से आप उन उत्पादों को चुनने से बच सकेंगे, जिनमें तैलीय त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाली सामग्रियां डाली गई हों। जिंक ऑक्साइड, टाइटेनियम डाइऑक्साइड, एवोबेनजोन और विटामिन A युक्त सनस्क्रीन से बचें, क्योंकि ये ट्यूमर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। सनस्क्रीन खरीदते समय इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
गैर-कॉमेडोजेनिक सामग्रियों वाली सनस्क्रीन खरीदें
कॉमेडोजेनिक सनस्क्रीन या उत्पाद वे होते हैं, जिनके इस्तेमाल से रोमछिद्र बंद हो सकते हैं और मुंहासे हो सकते हैं। तैलीय त्वचा वाले लोगों को आयल फ्री और गैर-कॉमेडोजेनिक सनस्क्रीन खरीदनी चाहिए। ऐसी सनस्क्रीन चुनें, जिनमें नियासिनमाइड, मैट फिनिश और UV किरणों से लड़ने की ताकत हो। अल्कोहल बेस के साथ बनाई गई सनस्क्रीन लगाने से बचें, क्योंकि ये तेल उत्पादन को उत्तेजित कर सकती हैं। गैर-कॉमेडोजेनिक सनस्क्रीन लगाने से आपके रोमछिद्र बंद नहीं होंगे और त्वचा चिपचिपी नहीं रहेगी।
मिनरल फॉर्मूला वाली सनस्क्रीन अपनाएं
जब तैलीय त्वचा की बात आती है तो त्वचा विशेषज्ञ मिनरल युक्त सनस्क्रीन लगाने की सलाह देते हैं। मिनरल फॉर्मूला वाली सनस्क्रीन रासायनिक सूत्रों की तुलना में हल्की होती है, जो भरे हुए छिद्रों और ब्रेकआउट से बचने में मदद करती है। टाइटेनियम डाइऑक्साइड या जिंक ऑक्साइड मिनरल SPR के 2 सामान्य और जरूरी तत्व हैं। यह तत्व सबसे संवेदनशील त्वचा पर भी अच्छी तरह काम करते हैं। इस बार सनस्क्रीन खरीदते समय मिनरल सामग्री की जांच जरूर करें।