अपराजिता के फूल की चाय से मिलते हैं कई फायदे, स्वाद भी होता है लाजवाब
सालों से लोग चाय या कॉफी के सेवन से ही अपने दिन की शुरुआत करते आए हैं। हालांकि, इनसे एसिडिटी जैसी परेशानियां हो सकती हैं। इन दिनों कई स्वास्थ्य लाभों से युक्त चाय चलन में हैं, जिन्हें आप भी अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं। इनमें से एक है अपराजिता के फूलों की चाय। अपराजिता से आप रंग बदलने वाला पेय पदार्थ या नीली हर्बल चाय बना सकते हैं। आइए जानते हैं इसके सेवन से मिलने वाले 5 लाभ।
अपराजिता के फूल की चाय बनाने की विधि
अपराजिता की चाय बनाने के लिए एक कप गर्म पानी में 1 चम्मच चाय मिलाएं। अब इसमें 4-5 अपराजिता के फूल डालकर उबलने दें। आप इसका स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें नींबू और शहद मिला सकते हैं। इसे आप गर्म या ठंडा, दोनों तरह से परोस सकते हैं। इसे कॉफी की तरह बनाने के लिए बादाम या नारियल के दूध, अपराजिता के फूल और लैवेंडर का उपयोग करें। थोड़ी मिठास के लिए मेपल सिरप मिलाएं।
वजन घटाने में मदद
अपराजिता के फूल वाली चाय में कैटेचिन नाम का फेनोलिक यौगिक होता है, जो एक एंटीऑक्सीडेंट होता है। यह वसा कम करने और वजन घटाने को बढ़ावा देने में सहायक होता है। इसकी चाय चयापचय को बढ़ावा देती है, जो पाचन मजबूत करता है। यह शरीर में पानी के वजन को कम करता है। इसे खान-पान में जोड़ने से कई फायदे मिलते हैं। वजन कम करने के लिए आप इन कोरियन पेय-पदार्थों का भी सेवन कर सकते हैं।
मधुमेह से बचाव
अपराजिता की नीली चाय के सेवन का सबसे बड़ा लाभ है कि यह मधुमेह को रोकने में सहायता करती है। मधुमेह इस वक्त सबसे ज्यादा लोगों में देखी जाने वाली बीमारी है। इस चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट की अधिक संख्या के कारण इससे रक्त शर्करा और इंसुलिन के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कोशिका क्षति से बचाते हैं और फैटी लीवर की समस्या और कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं।
कैंसर की रोकथाम
अपराजिता के फूल एंथोसायनिन यौगिकों से भरपूर होते हैं, जिन्हें टर्मिनेशन कहा जाता है। ये कैंसर कोशिका वृद्धि को रोकने के लिए जाने जाते हैं। अपराजिता के पौधे में केम्पफेरोल समेत कई एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जिनमें कैंसर से लड़ने वाले गुण होते हैं। डेल्फिनिडिन-3 के नाम से जाना जाने वाला एक अन्य एंटीऑक्सीडेंट प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और कोलोरेक्टल कैंसर कोशिकाओं को मार सकता है।
एंटी-एजिंग गुण
अपराजिता के फूलों की नीली चाय त्वचा की देखभाल के लिए भी कारगर है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है, जो बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करती है। इसके सेवन से आपकी त्वचा जवान और स्वस्थ दिखती है। इसमें एंटी-ग्लाइकेशन प्रभाव होते हैं, जो त्वचा की उम्र बढ़ने से निपटने के लिए जाने जाते हैं। इस चाय में फ्लेवोनोइड्स मौजूद होते हैं, जो कोलेजन उत्पादन को उत्तेजित कर सकते हैं। यह त्वचा को चमकदार बनाए रखता है।
सिर की त्वचा का स्वास्थ
अपराजिता के फूलों की चाय न केवल त्वचा के लिए फायदेमंद है, बल्कि बालों की देखभाल के लिए भी बेहद मददगार है। अपराजिता के फूल में एंथोसायनिन नामक एक यौगिक होता है, जो सिर में खून के बहाव को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। सिर की त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने और बालों के रोम को अंदर से मजबूत करने के लिए आप इस चाय का सेवन करें। इससे दोमुंहे बाल नहीं होते और बाल घने रहते हैं।