सन पॉइजनिंग बनाम सनबर्न: धूप से होने वाली इन समस्याओं के बीच क्या है अंतर?
क्या है खबर?
इन दिनों गर्मी की लहर ने सभी का हाल बेहाल कर रखा है और देश के कई राज्यों में नौतपा चल रहा है।
इस दौरान दिन में कड़ी धूप निकलती है, जिसके संपर्क में आने से केवल पसीना ही नहीं आता, बल्कि बीमारियां भी हो जाती हैं।
धूप के कारण होने वाली 2 सबसे आम समस्याएं हैं सनबर्न और सन पॉइजनिंग। इन दोनों समस्याओं के बीच अंतर कर पाना मुश्किल होता है, क्योंकि इनके लक्षण लगभग एक जैसे होते हैं।
सनबर्न
क्या होता है सनबर्न?
सनबर्न त्वचा को होने वाली क्षति है, जिसके दौरान त्वचा लाल पड़ जाती है और दर्द महसूस होता है। इसका मुख्य कारण होता है सूरज की हानिकारक अल्ट्रा वॉयलेंट (UV) किरणों के सीधे संपर्क में आना।
इस समस्या के दौरान त्वचा की बाहरी परत जल जाती है, जिससे त्वचा कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है और सूजन पैदा होती है।
धूप के संपर्क में आने पर शरीर रक्त प्रवाह बढ़ाता है, जिसके परिणामस्वरूप लाल चक्कते निकलते हैं और खुजली होती है।
सन पॉइजनिंग
सन पॉइजनिंग का क्या है मतलब?
सन पॉइजनिंग एक गंभीर त्वचा संबंधी रोग है, जो सनबर्न से ज्यादा खतरनाक होता है। यह समस्या तब पैदा होती है, जब कोई व्यक्ति बहुत लंबे समय तक बार-बार UV किरणों के संपर्क में आता है।
इस परेशानी के दौरान त्वचा तो जलती ही है, साथ ही साथ मतली, सिरदर्द, डिहाइड्रेशन और बुखार से भी जूझना पड़ता है।
इतना ही नहीं, सन पॉइजनिंग से पीड़ित व्यक्ति को ठंड लग सकती है, चक्कर आ सकता है या दाने निकल सकते हैं।
अंतर
क्या है दोनों परेशानियों के बीच का अंतर?
सनबर्न के दौरान केवल त्वचा को ही नुकसान पहुंचता है, लेकिन सन पॉइजनिंग होने पर मरीज का शरीर भी कमजोर हो जाता है।
इसे इस तरह समझें कि सनबर्न होने पर त्वचा लाल होती है या फटती है, वहीं सन पॉइजनिंग से बुखार भी हो सकता है और उलटी जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं।
सनबर्न आमतौर पर 3-7 दिनों में ठीक हो जाता है। हालांकि, सन पॉइजनिंग एक हफ्ते से भी ज्यादा समय तक बनी रहती है।
उपचार
कैसे किया जा सकता है इन परेशानियों का उपचार?
चाहे सनबर्न हो या सन पॉइजनिंग, दोनों से बचने के लिए आपको सूरज की किरणों के संपर्क में आने से बचना चाहिए। त्वचा की देखभाल करने के लिए SPF 50 वाली सनस्क्रीन इस्तेमाल करें और ढके हुए कपड़े पहनें।
सनबर्न ठीक करने के लिए ठंडे पानी से नहाएं, त्वचा पर बर्फ लगाएं, हाइड्रेटिंग क्रीम या एलोवेरा जेल इस्तेमाल करें और ढेर सारा पानी पिएं।
वहीं, सन पॉइजनिंग होने पर डॉक्टर की सलाह लें और दवाइयां खाएं।
डॉक्टर
कब पड़ सकती है चिकित्सकीय उपचार की जरूरत?
सन पॉइजनिंग के दौरान त्वचा पर फोड़े निकलने लगते हैं, जिनके फूटने पर जीवाणु संक्रमण हो सकता है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
साथ ही अगर आप चक्कर, मतली, बेहोशी या बेचैनी महसूस कर रहे हैं तो भी डॉक्टर की सलाह के बाद ही कोई दवा खाएं।
अगर आपका सनबर्न एक हफ्ता बीतने के बाद भी ठीक नहीं हो रहा है तो बिना देर किए डॉक्टर से परामर्श करें।