गर्मियों के दौरान शरीर को ठंडक पहुंचा सकते हैं ये प्राणायाम, ऐसे करें अभ्यास
गर्मी के मौसम में शरीर के साथ-साथ मन भी कुम्हलाने लगता है और गर्मी के कारण कई तरह की समस्याएं होने का भी खतरा बना रहता है। हालांकि, अगर आप हर मौसम की तरह गर्मियों में भी रोजाना कुछ मिनट प्राणायामों का अभ्यास करते हैं तो स्वस्थ रहेंगे। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे प्राणायामों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जो गर्मियों में ठंडक का अहसास दिलाने के साथ ही समस्याओं से बचाए रखेंगे।
शीतकारी प्राणायाम
शीतकारी प्राणायाम के लिए सबसे पहले योगा मैट पर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठें। अब जीभ को ऊपर की ओर रोल करें और इससे ऊपरी तालु को छुएं। इसके बाद दांतों को एक साथ मिलाएं और होठों को अलग रखें ताकि दांत दिखें। फिर धीरे से लंबी सांस लें। इस दौरान मुंह से 'हिस' की आवाज उत्पन्न होगी। इसके बाद अपने होंठों को आपस में मिलाकर नाक से सांस को धीरे से छोड़े। इस प्रक्रिया को लगभग 20-25 बार दोहराएं।
शीतली प्राणायाम
सबसे पहले योगा मैट पर किसी भी आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं और आंखें बंद करें। अब अपने हाथों को ज्ञानमुद्रा में घुटनों पर रखकर अपनी जीभ से नली का आकार बना लें। दोनों किनारों से जिह्वा को मोड़कर पाइप का आकार बना लें, फिर इसी स्थिति में लंबी और गहरी सांस लेकर जीभ को अन्दर करके मुहं को बंद कर लें। इसके बाद अपनी नाक के जरिए धीरे-धीरे सांस निकालें। इस प्रक्रिया को कम से कम 20-25 बार दोहराएं।
चंद्रभेदी प्राणायाम
सबसे पहले योगा मैट पर सुखासन की मुद्रा में बैठें। अब अपने बाएं हाथ को ज्ञान मुद्रा में बाएं घुटने पर रखें और दाएं हाथ के उंगूठे से नाक के दाएं छेद को बंद करें। इसके बाद नाक के बाएं छेद से लंबी सांस भरकर उंगुलियों से नाक के बाएं छेद को बंद करें। अब अपनी क्षमतानुसार सांस को अंदर ही रोकें, फिर धीरे-धीरे नाक के दाएं छेद से सांस छोड़े। ऐसा कुछ मिनट करने के बाद प्राणायाम छोड़ दें।
उद्गीथ प्राणायाम
सबसे पहले योगा मैट पर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रख लें। अब दोनों आंखों को बंद करके गहरी सांस लें और इसे धीरे-धीरे छोड़ते हुए ओम का जाप करें। ध्यान रखें की जब आप यह उच्चारण कर रहे हों, तब आपका ध्यान आपकी सांसों पर केंद्रित हो। शुरूआत में इस प्राणायाम का अभ्यास 5-10 मिनट तक करें और फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।