नवजात शिशु के लिए फायदेमंद होती है मालिश, जानें इसका सही तरीका
पीढ़ियों से दादी-नानी छोटे बच्चों की तेल से मालिश करने की सलाह देती आ रही हैं क्योंकि यह नवजात शिशुओं के लिए फायदेमंद माना जाता है। जन्म के छठे दिन से लेकर 3-4 साल तक बच्चों की मालिश की जाती है। इसके लिए आमतौर पर जैतून, बादाम, नारियल या सरसों के तेल का उपयोग किया जाता है। आइए जानें कि शिशुओं की मालिश करने का सही तरीका क्या है।
मालिश क्या है?
मालिश एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसका शरीर की ऊपरी त्वचा के साथ मांसपेशियों पर प्रभाव पड़ता है। इसका उपयोग तनाव को दूर करने, आराम देने और बच्चों के विकास के लिए जरूरी माना जाता है। मालिश विभिन्न तरीकों से की जा सकती है, लेकिन छोटे बच्चों की मालिश सिर्फ तेल से की जाती है। इसके लिए सही तेल चुनने के साथ-साथ मालिश के लिए सही प्रक्रिया अपनाना भी जरूरी है।
ऐसे करें मालिश की शुरूआत
शिशु की थकान को दूर करने के लिए मालिश की शुरुआत पैरों और तलवों से करें। इसके लिए अपने हाथों पर तेल लें और इसे बच्चे की जांघों को मलते हुए तलवों तक आएं। एक पैर की मालिश के बाद दूसरे पैर की मालिश भी इसी तरह करें। ध्यान रहें कि तलवों की मालिश करने के लिए टखने से शुरु होते हुए नीचे तक आना है। इस प्रक्रिया को दोनों तलवों पर दोहराएं।
पैरों के बाद हाथों की करें मालिश
हाथों की मालिश भी टांगों की तरह ही करें। सबसे पहले हाथों के ऊपरी हिस्से पर मालिश करें, फिर नीचे कलाई तक आएं। इसके बाद कलाई को धीरे से दोनों दिशाओं में घुमाएं। अब बच्चे की उंगलियों को अपनी उंगलियों के बीच में लेकर हल्के से ऊपर की ओर खींचे। इस मालिश की शुरुआत हाथ की कानी उंगली से करें और अंगूठे पर खत्म करें। दूसरे हाथ की उंगलियों की भी इसी तरह मालिश करें।
ऐसे करें छाती की मालिश
इसके लिए अपने हाथों पर थोड़ा तेल लेते हुए उन्हें बच्चे की छाती से थोडा ऊपर जोड़े लें, फिर हाथों को खोलते हुए छाती पर रखें और ऊपर की ओर से मालिश करें। इस प्रक्रिया को कई बार दोहराएं। अगली प्रक्रिया के लिए भी हाथों को इसी तरह जोडकर खोलें और अब ऊपर की तरफ मालिश करने की बजाय नीचे जांघों की तरफ मालिश करें। इस पूरी मालिश को हल्के हाथों से करें।