31 अक्टूबर या 1 नवंबर, कब है दिवाली? जानिए सही तिथि और अन्य महत्वपूर्ण बातें
रोशनी का त्योहार दिवाली खुशी, समृद्धि और जीत का प्रतीक है। यह 5 दिवसीय त्योहार है, जो धनतेरस से शुरू होता है और भाई दूज के साथ समाप्त होता है, लेकिन दिवाली का मुख्य दिन कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। हालांकि, इस बार कई लोग दिवाली की तिथि को लेकर असमंजस में हैं कि त्योहार 31 अक्टूबर को है या 1 नवंबर? आइए जानते हैं कि दिवाली कब है और इस त्योहार को क्यों मनाया जाता है।
दिवाली कब है?
दिवाली आमतौर पर हिंदू चंद्र-सौर महीनों अश्विन और कार्तिक के दौरान मनाई जाती है, जो मध्य अक्टूबर और मध्य नवंबर के बीच होती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली कार्तिक माह के 15वें दिन अमावस्या को पड़ती है, जो इस बार 31 अक्टूबर को है। इस साल 29 को धनतेरस है, जबकि 30 को छोटी दिवाली होगी, फिर एक दिन के अंतर के बाद 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा और 3 नवंबर को भाई दूज मनाया जाएगा।
दिवाली क्यों मनाई जाती है?
ऐसा माना जाता है कि लंका नरेश रावण ने माता सीता को बंधक बना लिया था, जिसके बाद भगवान राम ने अपनी वानर सेना के साथ लंका पर चढ़ाई और युद्ध के दिन रावण का वध किया। इस बीच भगवान राम का 14 वर्ष का वनवास भी पूरा हो गया, जिसके बाद वह माता सीता और भगवान लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापिस लौटे। उनके आगमन में आयोध्यावासियो ने घी के दीये जलाए थे, तभी से दिवाली मनाने की शुरूआत हुई।
दिवाली का महत्व
दिवाली सबसे प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है और इसे सबसे महत्वपूर्ण प्रकाश उत्सवों में से एक माना जाता है। यह अंधकार पर प्रकाश की विजय का उत्सव है। इस त्योहार से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। यह द्वेष, सदाचार और ज्ञान की जीत का प्रतिनिधित्व करता है। इस त्योहार से यह उम्मीद भी मिलती है कि घर में धन, शांति और समृद्धि आएगी।
दिवाली मनाने का तरीका
दिवाली से पहले लोग अपने घर की साफ-सफाई करते हैं और उसे सजाते हैं। साथ ही घर के प्रवेश द्वार और आंगन में रंगों या फूलों से रंगोली बनाते हैं। इसके अलावा घर को दीयों और लाइटो से भी सजाया जाता है। इसके बाद देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है और कई लोग इस मौके पर घर में पार्टी भी रखते हैं। कई लोग इस त्योहार पर पत्ते खेलना शुभ मानते हैं।