अंतरराष्ट्रीय कुत्ता दिवस: मिलिए भारत के बहादुर कुत्तों से, जिन्होनें बचाई है हजारों लोगों की जान
अंतरराष्ट्रीय कुत्ता दिवस 26 अगस्त को मनाया जाता है। इंसान के सबसे अच्छे दोस्त कहलाए जाने वाले कुत्ते बेहद वफादार जानवर होते हैं। इन्हें लोग पालतू जानवरों की तरह पालते हैं, जो जिंदगी में खुशियां भर देते हैं। कुत्ते वफादार होने के साथ-साथ बहादुर भी होते हैं और वक्त आने पर इसका सबूत पेश कर देते हैं। इस खास मौके पर हम आपको कुछ ऐसे भारतीय कुत्तों की कहानियां बताएंगे, जिन्होनें अपने साहस से हजारों लोगों की जान बचाई थी।
रॉकेट
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) में तैनात रॉकेट ने पठानकोट एयरबेस हमले के दौरान सराहनीय बहादुरी दिखाई थी। रॉकेट बेल्जियन मैलिनॉइस ब्रीड का कुत्ता है और हमले के वक्त उसकी उम्र 2 साल थी। 1 जनवरी को हमलों के दौरान रॉकेट ने एक थैली ढूंढ निकाली थी, जिसमें संवेदनशील सामग्री मौजूद थी। थैली को बाहर लाते समय रॉकेट का पंजा आग की लपटों की चपेट में आ गया था। उसे चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
मैक्स, टाइगर, सीजर और सुल्तान
मुंबई में हुए 26/11 के आतंकी हमलों ने भारत को दहलाकर रख दिया था। इस हमले के दौरान मुंबई पुलिस की K9 यूनिट के 4 बहादुर कुत्तों ने कई धमाकों को रोका था। उस दहशत भरी रात को मैक्स, टाइगर, सीजर और सुल्तान नाम के इन कुत्तों को विस्फोटक खोजने के लिए भेजा गया था। हमले के कुछ महीनों बाद ही इन कुत्तों की मौत हो गई थी और उन्हें तिरंगे में लपेटकर अलविदा कहा गया था।
जंजीर
1993 में मुंबई में हुए 12 बम धमाकों को भारतीय इतिहास का सबसे भयानक विस्फोट माना जाता है। इन धमाकों के बीच मुंबई पुलिस में तैनात जंजीर नामक लैब्राडोर-रिट्रीवर कुत्ते ने हजारों लोगों की जान बचाई थी। इस बहादुर कुत्ते ने 3,000 किलोग्राम से अधिक RDX विस्फोटक, 2,000 राउंड गोला बारूद, 600 डेटोनेटर और 200 हैंड ग्रेनेड ढूंढ निकाले थे। जंजीर के योगदान के कारण 2000 में उसे राजकीय अंतिम संस्कार दिया गया था।
बच्ची को बचाने वाले स्ट्रीट डॉग्स
नवंबर 2016 में पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में एक 7 दिन की बच्ची को किसी ने सड़क पर छोड़ दिया गया था। इस दौरान 4 गली के कुत्तों ने इस बच्ची की सुरक्षा का जिम्मा उठाया था। जब उल्हास चौधरी नाम के एक स्थानीय शिक्षक ने इस बच्ची को देखा, तो उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। ये बहादुर कुत्ते तब तक बच्ची के पास से टस-से-मस नहीं हुए, जब तक पुलिस उसे सुरक्षित स्थान पर नहीं ले गई थी।
निक्की, रूबी, स्टेला माया और हिना
रोजाना लाखों लोग दिल्ली मेट्रो में सवार होकर अपनी मंजिलों तक पहुंचते हैं। इस मेट्रो रेल सेवा की सुरक्षा करने में K9 यूनिट का भी योगदान होता है। हाल ही में CISF ने नए चरण-II नेटवर्क में सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक महिला डॉग स्क्वाड की शुरुआत की है। इसमें निक्की, रूबी, स्टेला, माया और हिना नामक मादा कुत्ते सवारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं। ये सभी सुबह 7 बजे से लेकर रात 11 बजे तक ड्यूटी पर रहती हैं।