अग्निस्तंभासन: जानिए इस योगासन का अभ्यास, इसके फायदे और अन्य जरूरी बातें
क्या है खबर?
अग्निस्तंभासन योग का एक खास आसन है, जो कूल्हों की लचक बढ़ाने में मदद कर सकता है।
यह आसन उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने से कूल्हों में जकड़न महसूस करते हैं।
इसे नियमित रूप से करने से शारीरिक लचीलापन बढ़ता है और मानसिक शांति मिलती है। यह आसन शरीर को संतुलित रखने और तनाव कम करने में सहायक होता है।
आइए इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
अभ्यास
अग्निस्तंभासन कैसे करें?
अग्निस्तंभासन करने के लिए जमीन पर बैठें और पैरों को सामने फैलाएं, फिर दाएं पैर को मोड़कर बाएं घुटने पर रखें, जैसे लकड़ी के टुकड़े एक-दूसरे पर हों।
अब बाएं पैर को दाहिने घुटने पर रखें। ध्यान दें कि दोनों पैरों की एड़ियां विपरीत दिशा में हों।
इसके बाद धीरे-धीरे आगे झुकें और हाथों को जमीन पर रखें। इस स्थिति में कुछ देर रहें और गहरी सांस लें, फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आएं।
फायदे
रोजाना अग्निस्तंभासन करने से मिलने वाले फायदे
अग्निस्तंभासन कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है, खासकर कूल्हों की लचक बढ़ाने में मदद करता है।
यह आसन कूल्हों और जांघों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, जिससे चलने-फिरने में आसानी होती है।
इसके अलावा यह पीठ दर्द कम करने और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने में सहायक होता है।
मानसिक रूप से भी यह आसन तनाव कम करके मन को शांत करता है, जिससे ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।
सावधानियां
अग्निस्तंभासन करते समय बरतें ये सावधानियां
अग्निस्तंभासन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है ताकि किसी प्रकार की चोट या परेशानी न हो।
अगर आपके घुटनों या कूल्हों में पहले से कोई चोट लगी हो तो इस आसन को करने से बचें या किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।
शुरुआत में इसे धीरे-धीरे करें ताकि शरीर इसकी आदत डाल सके और अचानक झटके देने से बचें क्योंकि इससे मांसपेशियों पर दबाव पड़ सकता है।
अन्य योगासन
अन्य योगासन आजमाएं
अगर आप अग्निस्तंभासन कर रहे हैं तो इसके साथ कुछ अन्य योगासन भी आजमा सकते हैं जैसे तितली आसन या सुप्त बद्ध कोणासन, जो कूल्हों की लचक बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं।
ये सभी योगासन मिलकर आपके शरीर को अधिक लचीला बनाते हैं और मानसिक शांति प्रदान करते हैं।
इन आसनों से आपकी मांसपेशियों में खिंचाव कम होता है और आप दिनभर तरोताजा महसूस करते हैं।