स्ट्रोक से उबारने और रोकथाम करने में मदद कर सकते हैं ये 5 योगासन
स्ट्रोक एक प्रकार का हृदय रोग है, जो बोलने में बाधा उत्पन्न कर सकता है। इससे याददाश्त संबंधी समस्याएं या हाथ-पैरों को चलाने में भी दिक्कत हो सकती है। कई अध्ययनों के मुताबिक, स्ट्रोक के मरीजों के ठीक करने और स्ट्रोक की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए योग मदद कर सकता है। योग से कोलेस्ट्रॉल, रक्त शर्करा और रक्तचाप को कम किया जा सकता है, जो स्ट्रोक के जोखिम कारक हैं। इसके लिए रोजाना इन 5 योगासनों का अभ्यास करें।
सेतुबंधासन का करें अभ्यास
इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं। अब पैरों को घुटनों से मोड़ें और दोनों हाथों को एड़ियों के करीब लाने की कोशिश करें। इसके बाद कूल्हे और पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहें, फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं। यहां जानिए सेतुबंधासन के अभ्यास से मिलने वाले फायदे।
अधोमुख श्वानासन से होगा फायदा
सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब सामने की तरफ झुकते हुए हाथों को जमीन पर रखें और गहरी सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाएं। इस दौरान घुटनों को सीधा करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इस योगासन में शरीर का पूरा भार हाथों और पैरों पर होना चाहिए और शरीर का आकार 'V' जैसा नजर आना चाहिए। कुछ मिनट इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
वृक्षासन भी है प्रभावी
वृक्षासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट बिछाकर दोनों पैरों को आपस में जोड़े और सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं। अब शरीर का संतुलन बनाते हुए हाथों की मदद से बायां तलवा दाईं जांघ पर रख लें।इसके बाद हाथों को सिर के ऊपर ले जाते हुए नमस्कार की अवस्था में आ जाएं। थोड़ी देर इसी अवस्था में रहकर धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आएं और थोड़ी देर शरीर को आराम देकर आसन को दोहराएं।
रोजाना करें अर्ध बद्ध पद्मा पश्चिमोत्तानासन
सबसे पहले योगा मैट पर दंडासन की मुद्रा में बैठें। अब दाएं पैर को उठाकर बाएं जांघ के ऊपरी हिस्से पर रखें। इसके बाद दायां हाथ पीठ के पीछे से आगे लाएं और उससे दाएं पैर के अंगूठे को पकड़ने की कोशिश करें, फिर माथे को बाएं पैर के घुटने से सटाएं। अपनी क्षमतानुसार इस मुद्रा में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं, फिर इसी मुद्रा का अभ्यास विपरीत तरफ से भी करें।
सुखासन है सबसे सरल योगासन
इस आसन के नाम में ही 'सुख' है इसलिए यह आपको तनाव मुक्त करने समेत स्ट्रोर के खतरे को कम में मदद करता है। इसके लिए पहले योगा मैट पर पीठ को सीधा करके बैठें। अब बाएं पैर को घुटने से मोड़ें और दाएं पैर की जांघ के नीचे रखें। इसके बाद दाएं पैर को मोड़कर बाएं पैर की जांघ के नीचे रखें। अब दोनों हाथों को ध्यान मुद्रा में घुटनों पर रखें और दोनों आंखों को बंद करें।