
सेतुबंधासन को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से मिल सकते हैं ये फायदे
क्या है खबर?
सेतुबंधासन एक ऐसा योगासन है, जिसे नियमित रूप से करने से शरीर को कई लाभ मिल सकते हैं।
यह आसन न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है।
इस लेख में हम आपको सेतुबंधासन के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिससे आप इसे सही तरीके से कर सकें और इसके सभी लाभ प्राप्त कर सकें।
आइए इसके बारे में जानते हैं।
अभ्यास
सेतुबंधासन कैसे करें?
सेतुबंधासन करने के लिए सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेटें।
अब अपने पैरों को घुटनों से मोड़ें और दोनों हाथों को एड़ियों के करीब लाने की कोशिश करें।
इसके बाद अपने कूल्हे और पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं।
इस मुद्रा में कुछ सेकंड तक बने रहें और सामान्य गति से सांस लेते रहें, फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
#1
रीढ़ की हड्डी पर होता है अच्छा असर
सेतुबंधासन रीढ़ की हड्डी के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसे नियमित रूप से करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और पीठ दर्द से राहत मिलती है।
इस योगासन से पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिससे पीठ की मजबूती बढ़ती है।
इसके अलावा यह आसन रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को भी बढ़ाता है, जिससे आप अधिक आरामदायक महसूस करते हैं और आपकी मुद्रा सुधारती है।
#2
पाचन तंत्र को मिल सकता है बढ़ावा
सेतुबंधासन पाचन तंत्र के लिए भी बहुत अच्छा होता है। इसे करने से पेट की अंदरूनी मालिश होती है, जिससे पाचन क्रिया सुधरती है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
इसके अलावा यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे पेट का आकार सही बना रहता है।
नियमित रूप से इस योगासन को करने से आप ताजगी महसूस करते हैं और आपका पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है।
#3
मानसिक शांति प्राप्त करने में है सहायक
सेतुबंधासन मानसिक शांति प्रदान करने में भी मददगार होता है।
इसे करते समय गहरी सांस लेना और ध्यान केंद्रित करना आपके मन को शांत करता है और तनाव कम करता है।
इस योगासन से आप अधिक संतुलित और स्थिर महसूस करते हैं, जिससे आपकी मानसिक स्थिति बेहतर होती है।
नियमित रूप से सेतुबंधासन करने से आप दिनभर ऊर्जावान महसूस करते हैं और आपकी मानसिक क्षमता भी बढ़ती है।
#4
शरीर का संतुलन बनाए रखने में है कारगर
सेतुबंधासन शरीर का संतुलन बनाए रखने में भी मदद करता है।
इसे करते समय शरीर का पूरा भार सिर और कूल्हों पर डालना पड़ता है, जिससे हाथ-पैरों का संतुलन बेहतर होता है।
इस योगासन से आप अपनी शारीरिक क्षमता को पहचान सकते हैं और धीरे-धीरे इसे सुधार सकते हैं।
नियमित रूप से इस योगासन को करने से आप अधिक स्थिर और संतुलित महसूस करते हैं, जिससे आपकी समग्र शारीरिक शक्ति बढ़ती है।