महाराष्ट्र जाएं तो वहां से इन पांच चीजों की जरूर करें खरीदारी
समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत के साथ महाराष्ट्र में कई खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं, इसलिए यहां का रुख करना तो बनता है। खैर, आप चाहें कभी भी महाराष्ट्र जाएं तो वहां से कुछ चीजें खरीदकर अपने घर लाना एक शानदार तरीका है, जो आपको इस पर्यटन स्थल की यात्रा की खूबसूरत यादों का अहसास दिलाती रहेंगी। आइए आज हम आपको पांच ऐसी चीजों के बारे में बताते हैं, जो महाराष्ट्र से अवश्य खरीदनी चाहिए।
कोल्हापुरी चप्पल
कोल्हापुर दक्षिण-पश्चिम महाराष्ट्र में बसा एक शहर है और यहां निर्मित चमड़े के फुटवियर को कोल्हापुरी चप्पल कहा जाता है। ये खुले पैर के सैंडल आमतौर पर भैंस की खाल से बने होते हैं और वनस्पति रंगों से रंगे होते हैं। इसके अतिरिक्त, इन पर रेशमी धागे या सुनहरे तार से डिजाइन किए जाते हैं। ये चप्पल रंगीन और पारंपरिक पैटर्न जैसे बक्कलनाली, पुकारी और कचकड़ी आदि को प्रदर्शित करती हैं।
ऑरिजनल विंटेज बॉलीवुड पोस्टर
मुंबई महाराष्ट्र के सबसे प्रसिद्ध शहरों में से एक है, जिसमें लोकप्रिय बॉलीवुड फिल्म उद्योग है। अगर आप बॉलीवुड के दीवाने हैं तो आपको कुछ पुराने विंटेज पोस्टर घर ले जाने चाहिए, जो हाथ से बनाए जाते हैं। ऑरिजनल विंटेज बॉलीवुड फिल्म पोस्टर खरीदने के लिए मुंबई के चोर बाजार जाएं क्योंकि यहां आपको पुरानी हिट फिल्मों के पोस्टर आसानी से मिल जाएंगे।
पैठानी साड़ी
महाराष्ट्र के पैठानी साड़ियां भी काफी लोकप्रिय हैं और आपको अपनी महाराष्ट्र यात्रा के दौरान इन्हें अवश्य खरीदना चाहिए। आज के समय में नासिक का येओला शहर पैठानी साड़ियों का निर्माता है। शुद्ध रेशम से बनी इन साड़ियों में तिरछा चौकोर बॉर्डर डिजाइन और पल्लू पर एक मोर का डिजाइन होता है। साड़ियों में अजंता की गुफाओं के चित्रों से भी प्रेरित थीम मौजूद होती हैं।
वारली आदिवासी पेंटिंग
वारली कला महाराष्ट्र की प्राचीन कला रूपों में से एक है, जिसका आध्यात्मिक और दार्शनिक अर्थ है। वारली कला में जनजाति की जीवन शैली, संस्कृति और विश्वासों को दर्शाने वाले विभिन्न पैटर्न और डिजाइन बनाने के लिए विभिन्न आकृतियों का इस्तेमाल होता है। परंपरागत रूप से पेंटिंग गाय के गोबर और मिट्टी पर बनाई जाती है। इसके ऊपर चावल, पानी और गोंद के मिश्रण का इस्तेमाल करके डिजाइन तैयार किए जाते हैं।
सावंतवाड़ी लकड़ी के खिलौने
महाराष्ट्र में सावंतवाड़ी नामक जगह लकड़ी के खिलौने बनाने के लिए लोकप्रिय है, जो राज्य की संस्कृति और विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये खिलौने प्राकृतिक और नॉन-टॉक्सिक लकड़ी से हस्तनिर्मित होते हैं और खूबसूरत रंगों से रंगे होते हैं। आप चाहें तो सावंतवाड़ी के चितर अली क्वार्टर में जाकर लाह से बने खिलौनों की विभिन्न रेंज भी देख सकते हैं। यहां के स्थानीय कारीगर सजावटी कटोरे, देवताओं की आकृतियां आदि भी बनाते हैं।