बहुत खूबसूरत हैं ओडिशा के ये पांच ऑफबीट पर्यटन स्थल
भारत के पूर्वी भाग में स्थित ओडिशा अपने प्राचीन मंदिरों, सुंदर किलों, समुद्र तटों और आकर्षक जनजातीय संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। भारत का यह राज्य अपनी प्राकृतिक विविधता के साथ-साथ अपनी सांस्कृतिक और पारंपरिक इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, आज हम आपको ओडिशा के खूबसूरत ऑफबीट पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं क्योंकि इनके बारे में आपको शायद ही पता होगा और यहां घूमकर आपको अलग ही आनंद आएगा।
पोटागड़ा किला
अगर आप वास्तुकला और इतिहास में रूचि रखते हैं तो आपको ओडिशा के गंजम जिले में स्थित पोटागड़ा किले की यात्रा अवश्य करनी चाहिए, जो एक ऐतिहासिक स्मारक है। इस किले का निर्माण 1768 में गंजम के पहले निवासी एडवर्ड कॉस्टफोर्ड के आदेश के तहत शुरू हुआ था। एक विशाल क्षेत्र में फैले इस तारे के आकार के किले में तीन अलग-अलग आवासीय भवन हैं, जिन्हें फ्रेंच, ब्रिटिश और मुस्लिम शासकों द्वारा अलग-अलग डिजाइन करवाया गया था।
देब्रिगढ़ वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी हिराखण्ड
ओडिशा के बरगढ़ जिले में स्थित देब्रिगढ़ वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी हिराखण्ड एक वन्यजीव अभयारण्य है, जो प्रकृति और वन्यजीव प्रेमियों के लिए आदर्श स्थान है। आप यहां एक मजेदार जंगल सफारी यात्रा का आनंद ले सकते हैं और इस दौरान तेंदुए, भालू, बाइसन, सांभर हिरण, जंगली सूअर आदि जैसे जंगली जानवरों को नजदीक से देख सकते हैं। अभयारण्य की पहाड़ियों के साथ झरने भी हैं, जो इसकी सुंदरता में इजाफा करते हैं।
चंद्रगिरि
ओडिशा के गजपति जिले में स्थित चंद्रगिरि को ओडिशा के मिनी तिब्बत के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह स्थान 1959 से हजारों तिब्बती लोगों द्वारा आबाद है। यह जगह अद्भुत पहाड़ी ढलानों, घने जंगलों और बहती नदियों से समृद्ध है। यहां आपको पद्मसंभव महाविहार मठ का दौरा करना चाहिए और इसके पास के बाजारों से प्रामाणिक हाथ से बने तिब्बती ऊनी कपड़े भी खरीदने चाहिए।
खंडधार वॉटरफॉल
शहर की हलचल से दूर अपने परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताने के लिए खंडाधार वॉटरफॉल एक आदर्श स्थान है। यह वॉटरफॉल ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में स्थित है और भारत का 12वां सबसे ऊंचा वॉटरफॉल है। 244 मीटर की ऊंचाई से गिरता हुआ यह शानदार वॉटरफॉल तलवार के आकार का है और इसकी पृष्ठभूमि हरे-भरे सुरम्य जंगल की है।
गोनसिका मंदिर
ओडिशा के क्योंझर जिले में स्थित गोनसिका मंदिर भी राज्य का ऑफबीट पर्यटन स्थल है, जो उन पर्यटकों के लिए आदर्श है, जो आध्यात्मिकता से जुड़े हुए हैं। यह मंदिर ब्रह्मेश्वर महादेव को समर्पित है और किंवदंतियों के अनुसार, यह वह स्थान है जहां से बैतरणी नदी का उद्गम हुआ था। इस जगह में कई पुरानी जनजातियां जैसे गोंदिया और बोंडा भी हैं, जो इसे और अधिक आकर्षक बनाती हैं।