खूबसूरत पर्यटन स्थल है लाहौल और स्पीती, घूमने जाने से पहले इन बातों पर दें ध्यान
क्या है खबर?
हिमाचल प्रदेश में स्थित लाहौल-स्पीती जिला भारत की सबसे खूबसूरत घाटियों में से एक है, जो समुद्र तल से 4,270 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद है।
आप यहां आकर प्रकृति दृश्यों को निहारने के साथ-साथ कई तरह की एडवेंचर गतिविधियों का लुत्फ उठा सकते हैं।
अगर आप अपनी छुट्टियों के दौरान इस अद्भुत जिले की ओर रूख करने वाले हैं तो आइए आज हम आपको कुछ महत्वपूर्ण बातें बताते हैं ताकि आपके लिए आपकी यात्रा आरामदायक और मजेदार बन सके।
राह
लाहौल और स्पीती कैसे पहुंचे?
हवाई मार्ग: भुंतर हवाई अड्डा लाहौल और स्पीती से 200 किलोमीटर की दूरी पर है। आपको भुंतर से मनाली के लिए कैब लेनी होगी, फिर पर्यटन स्थल के लिए बस या कैब करें।
रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन जोगिंद्रनगर है, जो जिले से 360 किलोमीटर की दूरी पर है।
सड़क मार्ग: लाहौल और स्पीती दिल्ली से लगभग 703 किमी की दूरी पर है। अगर आप अपने निजी वाहन से यात्रा कर रहे हैं तो इस रास्ते जाएं- दिल्ली>पानीपत>अंबाला>चंडीगढ़>रूपनगर>बिलासपुर>मंडी>कुल्लू>मनाली>लाहौल और स्पीती।
समय
किस समय लाहौल और स्पीती जाना अच्छा
लाहौल और स्पीती की यात्रा करने के लिए अप्रैल से जुलाई का महीना सही समय हैं क्योंकि इस दौरान मौसम सुहावना और सुखदायक रहता है।
यहां का अधिकतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस रहता है और रातें काफी ठंडी होती हैं, इसलिए अपने ट्रेवलिंग बैग में कुछ गर्म कपड़े रखकर जरूर ले जाएं।
हालांकि, बारिश के मौसम में यहां जाने से बचें क्योंकि इस दौरान भूस्खन होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
पर्यटन
घूमने के लिए लोकप्रिय स्थान
लाहौल कई मठों का घर है, जिसमें की मठ, ताबो मठ और धनकर मठ शामिल हैं।
लाहौल और स्पीती के नजदीक स्पीति घाटी है, जो क्रिस्टल क्लीयर नदी और हरे घास के मैदान और राजसी हिमालय के लुभावने दृश्य प्रस्तुत करती है।
वहीं, यहां स्थित पिन वैली नेशनल पार्क ठंडे रेगिस्तान में स्थित है, जो वनस्पतियों और जीवों की अनूठी प्रजातियां जैसे हिम तेंदुए और आइबेक्स को संरक्षित करने के लिए जाना जाता है।
गतिविधियां
लाहौल और स्पीती जाएं तो इन गतिविधियों का जरूर उठाएं लुत्फ
लाहौल और स्पीती में जिस्पा या सरचु नामक जगह हैं, जो कैंपिंग के लिए बेहतरीन हैं।
एक अनोखे अनुभव के लिए साइकिल से घाटी में घूमें।
इसके अतिरिक्त, अपने होमस्टे होस्ट के माध्यम से स्थानीय आदिवासियों की जीवन शैली और अनूठी संस्कृति का अनुभव करें।
हम्पटा दर्रा, चंद्रताल, घेपन घाट और युनम चोटी जैसे प्रसिद्ध ट्रेक पर जाकर ट्रेकिंग कर सकते हैं।