ब्रोंकाइटिस के प्रभाव को कम करने में सहायक हैं ये एसेंशियल ऑयल्स, ऐसे करें इस्तेमाल

अगर कभी कीटाणु या संक्रमण की वजह से श्वसन नलियों में किसी भी प्रकार का संक्रमण, सूजन या बलगम की समस्या हो जाती है तो इस स्थिति को ब्रोंकाइटिस कहा जाता है। सांस लेने में तकलीफ, हल्का बुखार, सीने में घरघराहट, थकान और सीने में जकड़न जैसी समस्याएं ब्रोंकाइटिस के कारण होने वाली परेशानियां है। आइए कुछ ऐसे एसेंशियल ऑयल्स के बारे में जानते हैं, जो ब्रोंकाइटिस के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।
ब्रोंकाइटिस की समस्या से राहत पाने के लिए घरेलू नुस्खे के तौर पर पेपरमिंट ऑयल यानी पुदीने के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। दरअसल, पेपरमिंट में कूलिंग प्रभाव के साथ-साथ कई ऐसे गुण मौजूद होते हैं, जो इस समस्या के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। लाभ के लिए इस तेल की कुछ बूंदों को डिफ्यूजर में डालकर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर नहाने के पानी में इसकी कुछ बूंदें मिलाकर उससे नहाएं।
रोजमेरी ऑयल कई ऐसे गुणों से समृद्ध होता है, जो ब्रोंकाइटिस के प्रभाव को कम करके सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को बेहतर कर सकते हैं। इसके लिए रोजमेरी ऑयल की कुछ बूंदें डिफ्यूजर में डालें और इसे चालू करके अपने पास रखें। हालांकि, अगर आपके पास डिफ्यूजर नहीं है तो आप एक रूई के टुकड़े पर थोड़ा सा रोज़मेरी ऑयल लगाकर उसे कुछ मिनट के लिए सूंघे।
टी ट्री एसेंशियल ऑयल में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-माइक्रोबियल प्रभाव मौजूद होते हैं, जो ब्रोंकाइटिस का कारण बनने वाले कीटाणुओं को खत्म कर सकते हैं। इसलिए ब्रोंकाइटिस से ग्रस्त लोगों के लिए टी ट्री एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल करना भी लाभदायक है। लाभ के लिए इस तेल की कुछ बूंदें पानी के साथ मिलाकर स्प्रे बोतल में डालें और सोने से पहले इसका छिड़काव अपने पूरे कमरे में करें।
काफी समय से लैवेंडर एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं और त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता आ रहा है और आप चाहें तो इसका इस्तेमाल ब्रोंकाइटिस के प्रभाव को कम करने के लिए भी कर सकते हैं। बता दें कि लैवेंडर एसेंशियल ऑयल की सुंगध इस काम को आसानी से कर सकती है। राहत के लिए सोने से पहले लैवेंडर एसेंशियल ऑयल को कुछ मिनट के लिए सूंघे।