वॉटर रिटेंशन के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकती हैं ये चाय, जानिए रेसिपी
क्या है खबर?
वॉटर रिटेंशन का मतलब शरीर में असामान्य रूप से पानी और नमक की मात्रा का बढ़ना है। इसके कारण व्यक्ति का वजन संतुलित नहीं रहता और विभिन्न अंगों में सूजन आने लगती है।
बता दें कि नमक का अधिक सेवन, पीरियड्स, हार्मोंन असंतुलन, हृदय की कमजोरी और गर्भावस्था आदि के कारण वॉटर रिटेंशन का सामना करना पड़ सकता है।
आइए आज हम आपको कुछ ऐसी चाय की रेसिपी बताते हैं, जो वॉटर रिटेंशन के जोखिम कम करने में सहायक हैं।
#1
सौंफ की चाय
इस चाय का सेवन वॉटर रिटेंशन से राहत दिलाने में सहायक हो सकता है।
सौंफ की चाय बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में एक कप पानी गर्म करें, फिर उसमें एक छोटी चम्मच सौंफ डालकर पानी को एक उबाला दिलाएं। इसके बाद इसमें एक छोटी चम्मच चायपत्ती डालें और चाय अच्छे से कड़ जाए तो गैस बंद कर दें।
अब इस चाय को छानकर एक कप में डालें, फिर इसमें स्वादानुसार शहद मिलाकर पिएं।
#2
पार्सले की चाय
पार्सले एक तरह की हर्ब होती है, जिसकी चाय का सेवन भी वॉटर रिटेंशन के प्रभाव को कम करने में काफी मदद कर सकता है।
इसे बनाने के लिए पहले एक पैन में एक कप पानी को गर्म करें, फिर उसमें एक चौथाई चम्मच चायपत्ती (वैकल्पिक) डालें और जब पानी में उबाला आ जाए तो इसमें पार्सले की पांच पत्तियां डालकर फिर से उबालें।
अब चाय को एक कप में छानकर निकालें और इसमें शहद मिलाकर इसका सेवन करें।
#3
ग्रीन टी
ग्रीन टी एंटी-ऑक्सीडेंट गुण के साथ-साथ कई ऐसे पोषक तत्वों से समृद्ध होती है, जो वॉटर रिटेंशन से राहत दिलाने में सहायक हैं।
इस चाय को बनाने के लिए गैस ऑन करके उस पर एक पैन रखकर उसमें पानी को गर्म करें, फिर पानी को एक कप में डालकर उसमें ग्रीन टी बैग को डालें।
दो-तीन मिनट बाद इस स्वास्थ्यवर्धक हर्बल टी का सेवन करें। आप चाहें तो इसमें स्वादानुसार शहद मिला सकते हैं।
#4
गुड़हल की चाय
गुड़हल की चाय कई ऐसे गुणों से समृद्ध होती है, जो वॉटर रिटेंशन के प्रभाव को कम करने में सहायता प्रदान कर सकती हैं।
इस चाय को बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में एक गिलास पानी और एक चौथाई कप सूखे गुड़हल के फूल डालकर उबालें और जब पानी आधा हो जाए तो गैस बंद करके चाय को छानकर कप में डालें।
इसके बाद चाय में स्वादानुसार शहद मिलाकर इसका सेवन करें।